सिंधिया ने लोगों से कहा कि फिर भी आप मेरी तरफ से मदद में कोई कमी नहीं पाओगे। मेरा कोई आपलोगों से लेन देन का तो रिश्ता है नहीं, आपसे तो ह्रदय का संबंध है। सुख में भले ही मैं आपलोगों के साथ न रहूं लेकिन दुख में मैं हमेशा आपलोगों के साथ रहूंगा। उन्होंने लोगों से कहा कि जो मैं कहता हूं, वो करके दिखाऊंगा। कुछ भी होता है तो पहले मैं अशोकनगर ही आता हूं, बाढ़ के दौरान भी पहले अशोकनगर आया, उसके बाद मंदसौर, नीमच, रतलाम, मुरैना और बाकी जगह गया हूं।
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि अब हाथ भी मेरे बंधे हैं लेकिन जनता नहीं मान रही है। फिर भी मैं आपलोगों के लिए जितना संभव है मैं कर रहा हूं। सिंधिया लोगों से मुलाकात के दौरान लगातार सरकार की नीतियों पर भी सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने कार्यकर्ताओं को ट्रांसफर पोस्टिंग में न पड़ने का भी सुझाव दिया है।
सिंधिया लगातार उठा रहे सवाल
वहीं, ज्योतिरादित्य सिंधिया लगातार संगठन और सरकार पर भी कई मुद्दों को लेकर सवाल उठा रहे हैं। उन्होंने सलमान खुर्शीद के बयान के बाद भी कहा था कि पार्टी को वर्तमान स्थिति का अवलोकन कर समीक्षा करने की जरूरत है। इसके साथ ही उन्होंने किसान कर्जमाफी को लेकर भी सवाल उठाया था। सिंधिया ने कहा था कि अभी तक किसानों के पचास हजार रुपये का कर्ज ही माफ हुआ है जबकि हमलोगों ने दो लाख रुपये का वादा किया था।
यहीं नहीं अब दिग्विजय सिंह की तरह सीएम कमलनाथ को ज्योतिरादित्य सिंधिया ने भी चिट्ठी लिखी है। यह चिट्ठी ग्वालियर में मेट्रो के लिए लिखा है। उन्होंने लिखा है कि ग्वालियर नगर में यातायात के बढ़ते दबाव के कारण मेट्रो रेल की आवश्यकता है। मेट्रो रेल की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए मेट्रो रेल कंपनी का गठन किया जाना आवश्यक है, जिससे मेट्रो रेल कंपनी द्वारा नगर में मेट्रो रेल की संचालन के लिए फिजिविलेटी स्टजी कराई जा सके।