कोरोना गाइड लाइन के मुताबिक जहां पर भी मेडिकल कॉलेज होते हैं, वहां पर कोरोना से होने वाली मोतों का कारण बना वायरस का वेरिएंट जानने के लिए सैंपल रिजोम सिक्वेंसी देहली भेजे जाते हैं। अप्रैल माह में हुईं कोरोना से मौतों के दौरान शिवपुरी मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायलॉजी लेब से छह लोगों के सैंपल वेरिएंट का पता लगाने के लिए भेजे गए। इनकी रिपोर्ट पिछले दिनों मेडिकल कॉलेज व सीएमएचओ कार्यालय में भेजी गई। जिसमें बताया गया है कि चार लोगों की मौत इंडियन वेरिएंट डेल्टा था, जबकि दो में अफ्रीका व यूके का वेरिएंट पाया गया है। इनमें से किसी में भी डेल्टा प्सल वेरिएंट नहीं मिला है। लेकिन सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा ने अपने बयानों में कहा है कि शिवपुरी में चार लोगों की मौत डेल्टा प्लस वेरिएंट से हुई थी। सीएमएचओ के इस अनर्गल बयान से जिले में दहशत फैल गई ।
महत्वपूर्ण बात यह है कि मेडिकल कॉलेज की जिस माइक्रोबायलॉजी डिपार्टमेंट से मृतकों के सैंपल भेजे गए थे, उसके विभाग प्रमुख डॉ. नीलेश का कहना है कि तीन मृतकोंं में इंडियन वेरिएंट था, जबकि दो में यूके व अफ्रीका का वेरिएंट पाया गया है। डेल्टा प्लस वेरिएंट एवाय.1 है, जो इनमें से किसी में नहीं मिला है।
प्रेमनारायण द्विवेदी (43) बी.1.617.2 (इंडियन डेल्टा)
विनय चतुर्वेदी (38) बी.1.617.2 (इंडियन डेल्टा)
सुरेंद्र शर्मा (55) बी.1.617.2 (इंडियन डेल्टा)
गोपाल शिवहरे (68) बी.1 (यूके स्ट्रेन)
कल्पना गुप्ता (40) बी.1.393 (साउथ अफ्रीका स्ट्रेन)
सूरज (31) बी.1.617.2 (इंडियन डेल्टा)
शिवपुरी जिले में स्वास्थ्य विभाग के मुखिया यानि सीएमएचओ डॉ. एएल शर्मा का एक बयान रविवार को प्रकाशित हुआ कि शिवपुरी में मृत हुए चार लोगों में डेल्टा प्लस वेरिएंट मिला है। जबकि जो वेरिएंट मिला है, वो डेल्टा है, जो इंंडियन वेरिएंट है तथा दो में अफ्रीका व यूके का वेरिएंट मिला है। देर शाम जब सीएमएचओ से बात की तो उनका कहना था कि मैने डेल्टा वायरस बताया था ना कि डेल्टा प्लस।
जो रिपोर्ट आई है, उसमें चार मरीज इंडियन स्ट्रेन डेल्टा मिला है, जबकि दो में यूके व अफ्रीक का स्ट्रेन था। लेकिन किसी भी रिपोर्ट में डेल्टा प्लस वायरस नहीं मिला है।
डा. नीलेश चावन, माइक्रोबायलॉजी लैब प्रभारी मेडीकल कॉलेज शिवपुरी
जिन चार लोगों की डेल्टा प्लस से मौत की बात कही जा रही है, उनमें से सभी को वैक्सीन के दोनों डोज नहीं लगे थे। उन्हें वैक्सीन के डोज लगे या नहीं, यह जानकारी तो मैं दूंगा, लेकिन मुझसे किसी ने कुछ पूछा ही नहीं।
डॉ. संजय ऋषिश्वर, जिला टीकाकरण अधिकारी शिवपुरी