scriptबाजार में बिकता मिला पोषण आहार फिर भी सात दिन गुजरने के बाद नहीं हुई एफआईआर | Nutrition diet sold in market but not FIR after seven days | Patrika News
शिवपुरी

बाजार में बिकता मिला पोषण आहार फिर भी सात दिन गुजरने के बाद नहीं हुई एफआईआर

टीआई बोले: हम नहीं महिला बाल विकास करेगा प्रकरण दर्ज , कार्यक्रम संयोजक बोले: शासकीय अभिभाषक से मांग रहे सलाह

शिवपुरीDec 21, 2017 / 04:13 pm

shyamendra parihar

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शिवपुरी. कुपोषित बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं के लिए आंगनबाड़ी केंद्रों पर भेजा जा रहा पोषण आहार बाजार में सरेआम बेचा जा रहा है। इतना ही नहीं सात दिन पूर्व प्रशासन ने छापामार कार्रवाई करते हुए शहर के कमलागंज में एक दुकान से बिकने के लिए आया पोषण आहार जब्त किया, गोदाम सील किया, लेकिन सात दिन बाद भी एफआईआर नहीं हुई। पुलिस ने कार्रवाई के लिए महिला बाल विकास को पत्र लिख दिया और विभाग वाले शासकीय अधिवक्ता से सलाह मांग रहे हैं। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि जब बाजार में पोषण आहार बिक रहा है तो फिर जिले में कुपोषण कैसे दूर होगा?। सूत्रों का कहना है कि सेटिंग के चलते मामले को रफा-दफा कर दिया गया, इसीलिए अब ढूंढे से वो धाराएं नहीं मिल रहीं, जिसमें कार्रवाई की जाना है।
गौरतलब है कि बीते 14 दिसंबर को किसी अज्ञात व्यक्ति ने एसडीएम शिवपुरी रूपेश उपाध्याय को सूचना दी थी कि कमलागंज में गल्ला व्यापारी नंदू गोयल की दुकान कुपोषित बच्चों सहित गर्भवती महिलाओं को बंटने वाला रेडी टू ईट फूड, दलिया, चावल बिक रहा है। एसडीएम के निर्देश पर नायब तहसीलदार गजेन्द्र सिंह लोधी ने पुलिस को साथ लेकर दुकान पर छापा मारा, तो वहां सरकारी पोषण आहार बिकने के लिए पैकेटों में रखा मिला। प्रशासनिक टीम ने जब गोदाम में देखा तो वहां पर भी कई कट्टों में पोषण आहार रखा मिला। गल्ला व्यापारी ने बताया था कि उक्त पोषण आहार को उसके यहां से दूधिए अपने जानवरों के लिए खरीद कर ले जाते हैं। इन सबके बीच महत्वपूर्ण बात यह है कि सरेआम बाजार में बिक रहे पोषण आहार को पकडऩे के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो रही, जिसके चलते यह गोरखधंधा बंद होने की बजाय और तेजी से बढ़ रहा है।
प्रकरण को विभाग ही संज्ञान में लेगा
हमने पता किया है तो इस तरह के मामले में ईसी एक्ट के तहत प्रकरण दर्ज नहीं किया जा सकता। इसमें धारा 403 के तहत अपराध बनता है और यह प्रकरण वो ही विभाग संज्ञान में लेगा। उनका कार्रवाई के लिए पत्र आया था, तो हमने यही जवाब बनाकर उन्हें वापस भेज दिया है।
संजय मिश्रा, टीआई कोतवाली
हमें न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराना है
दुकान में जितने पैकेट मिले थे, वो ही था, गोदाम में अधिक कुछ नहीं मिला। पुलिस ने हमें पत्र भेज दिया है कि हमें ही 403 के तहत न्यायालय में प्रकरण दर्ज कराना है। हम भी शासकीय अधिवक्ता से सलाह ले रहे हैं कि ऐसे मामले में क्या किया जा सकता है।
ओपी पांडेय, प्रभारी महिला बाल विकास विभाग शिवपुरी

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