बिना काम के 20 लाख वेतन ले रहे पप अटेंडर
नपा उपाध्यक्ष के पत्र के बाद सीएमओ करा रहे भौतिक सत्यापन
बिना काम के 20 लाख वेतन ले रहे पप अटेंडर
शिवपुरी. शहर में मौजूद नगरपालिका के 450 से अधिक ट्यूबवेलों की मॉनिटरिंग के लिए नपा में पंप अटेंडरों की भर्ती हुई तो उसमें भी घोटाला कर दिया। बताया तो यहां तक जाता है कि पंप अटेंडर की भर्ती चलती ही रहती है और नपा के जनप्रतिनिधि व कर्मचारी ही लेनदेन करके यह बंटोना बांट रहे हैं। हकीकत यह भी है कि पंप अटेंडर सिर्फ कागजों में दर्ज होने के साथ ही हर महीने बिना काम के पगार ले रहे हैं, जबकि ट्यूबवेलों पर क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों ने कब्जा कर लिया। यह सब इसलिए हो रहा है, क्योंकि ट्यूबवेलों पर पंप अटेंडर मौजूद ही नहीं रहते। इतना ही नहीं पंप अटेंडरों की इस भर्ती में नपाध्यक्ष ने भी अपने भाई का नाम लिखवा दिया था, लेकिन जब मामला उजागर हुआ तो उसे पद से हटा दिया। नपा से हर माह पंप अटेंडरों की तनख्वाह के रूप में लगभग 22 लाख रुपए का भुगतान, बिना काम करने वाले लोगों को किया जा रहा है। नपा में नियुक्त 375 पंप अटेंडरों का अब उपाध्यक्ष के पत्र के बाद नपा सीएमओ भौतिक सत्यापन करा रहे हैं।
दो साल में भी पूरी नहीं हुई जांच
नपा में हुई पंप अटेंडरों की भर्ती में हुई गड़बड़ी की शिकायत दो साल पूर्व प्रशासन के पास पहुंची तो तत्कालीन एडीएम नीतू माथुर ने उसकी जांच शुरू की। लेकिन उस जांच का क्या परिणाम रहा, वो भी अभी तक सामने नहीं आ पाया। यही वजह है कि नगरपालिका में पंप अटेंडरों की भर्ती का क्रम अभी भी जारी है।
ड्राइवरी व दूसरे काम कर रहे पंप अटेंडर
पंप अटेंडरों की भर्ती में हुए घोटाले की प्रारंभिक जांच नपा उपाध्यक्ष अनिल शर्मा ने जब की तो उन्होंने रजिस्टर में दर्ज पंप अटेंडरों के मोबाइल पर फोन करके उनकी लोकेशन ट्रेस की। एक पंप अटेंडर ने तो बताया कि वो केले का ट्रक लेकर मुंबई जा रहा है। जबकि दूसरे पंप अटेंडर भी दूसरे काम करते हुए मिले। यानि नपा में सिर्फ पंप अटेंडर के रूप में उनके नाम दर्ज हैं, लेकिन वे काम कोई दूसरा कर रहे हैं। बताया तो यहां तक जाता है कि उनकी हर महीने निकलने वाली पगार में उस व्यक्ति का भी हिस्सा होता है, जिसकी एप्रोच से वो पंप अटेंडर बनाया गया।
ट्यूबवेलों पर मनमानी से फुंक रहीं मोटरें
पंप अटेंडर अपने काम को न करने की वजह से नपा के ट्यूबवेलों को मनमाने अंदाज में चला रहे हैं, जिसके चलते आए दिन मोटरें फुंक रही हैं। यदि पंप अटेंडर इन ट्यूबवेलों पर मॉनीटरिंग करें, तो न केवल समय पर सभी लोगों को पानी मिल पाएगा, बल्कि मोटर भी कम फुकेंगी। ट्यूबवेलों पर चल रही मनमानी के चलते जहां लोगों को पानी नहीं मिल पा रहा है, वहीं दूसरी ओर मोटर फुंकने से नपा पर भी अतिरिक्त व्यय का बोझ पड़ रहा है। यदि पप अटेंडर नियमित रूप से इन्हें बंद व चालूं करें तो न तो लोगों को परेशानी हो और न ही नपा को नुकसान।
शहर के ट्यूबवेलों से पंप अटेंडर नदारद
– कृष्णपुरम कॉलोनी व सरस्वती नगर में एक साथ 6 ट्यूबवेल हैं, लेकिन इनमें से किसी पर भी कोई पंप अटेंडर नहीं आता। हर बोर की चाबी वहां रहने वाले लोग अपने पास रखते हैं और अपनी मर्जी के मुताबिक चालू व बंद करते हैं।
– शहर में एसपी कोठी के पीछे स्थित राजीव नगर कॉलोनी व सिटी सेंटर के बीच ट्यूबवेल पर कोई पंप अटेंडर नहीं है। यहां भी कॉलोनी के ही लोगों पर चाबी रहती है और वे चिह्नित लोगों के घरों में लेजम लगाकर पानी भरवाते हैं।
– विष्णु मंदिर क्षेत्र, विवेकानंद कॉलोनी सहित शहर की लगभग हर कॉलोनी में नपा के ट्यूबवेलों पर पंप अटेंडर ढूंढे से नहीं मिलते। सभी जगह चाबियां वहां के स्थानीय लोगों के पास रहती है और पंप अटेंडर बिना काम के वेतन ले रहे हैं।
सीएमओ को लिखा पत्र
नपा में 375 पंप अटेंडर पदस्थ हैं, जिनमें से बमुश्किल 75 ही काम कर रहे हैं। मैंने सीएमओ को पत्र देकर शहर के चारों जोन में नियुक्त पंप अटेंडरों का भौतिक सत्यापन कराए जाने के लिए लिखा है। ताकि यह पता चल सके कि कौन कहां पर काम कर रहा है। पूरी रिपोर्ट आने के बाद पंप अटेंडरों की छंटनी की जाएगी।
अनिल शर्मा, उपाध्यक्ष नपा शिवपुरी
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