गौरतलब है कि शिवपुरी शहर सहित जिले में कोरोना का कहर टूट रहा है और शायद ही कोई ऐसा गांव होगा, जहां पर कोई कोरेाना मरीज न मिला हो। इन सबके बीच अमोला क्रेशर पंचायत के मजरा रामपुरा आदिवासी बस्ती में अभी तक एक भी कोरोना पॉजीटिव मरीज नहीं मिला है। बस्ती में रहने वाले गुड्डा आदिवासी व हरज्ञान आदिवासी का कहना है कि हम लोग गांव में अपने घर पर ही रहते हैं और पास में स्थित जंगल में लकड़ी बीनने व गोंद इक_ी करने जाते हैं। अधिकांश आदिवासी परिवार बटाई पर खेती करते हैं तथा कंट्रोल से राशन मिल जाता है, इसलिए गांव से बाहर जाने की जरूरत ही नहीं है। इस महामारी से जब इतने लोग मर रहे हैं और हम जब गांव से बाहर नहीं जा रहे, तो फिर हम यह भी नहीं चाहते कि कोई हमारे गांव में आए। इसलिए हमने गांव के रास्ते को रस्सी बांध कर बंद कर दिया है तथा किसी को भी वहां से निकलने नहीं दे रहे।
मेले में ही जाते थे, इस बार वो भी नहीं भरा
रामपुरा आदिवासी बस्ती के पास ही बलारपुर माता मंदिर है, जहां हर नवरात्रि में मेला भरता था। गुड्डा व हरज्ञान का कहना है कि हम लोग मेला घूमने जरूर जाते हैं, लेकिन इस बार कोरोना बीमारी की वजह से मेला नहीं भरा, तो हम लोग भी कहीं नहीं गए। लेकिन अब हमें ऐसा लग रहा है कि मेला नहीं भरा तो अच्छा रहा, वरना हमारी बस्ती में भी यह बीमारी आ जाती।
&हमारी पंचायत के रामपुरा मझरा में कोई भी कोरोना मरीज नहीं मिला है और इसकी वजह यह है कि जब हमने लोगों को घर से बाहर न निकलने की समझाइश दी तो उन्होंने इस बात का पूरा पालन किया।
रोहिणी कोली, सरपंच ग्राम पंचायत अमोला क्रेशर