मैं 25 किमी दूर स्थित जाफरपुर गांव से पेंशन निकालने हर रोज आ रही हूं। लेकिन बैंक से एक ही जवाब मिलता है कैश नहीं है, कब आएगा पता नहीं।
ताराबाई आदिवासी, ग्रामीण हरी सब्जी के लिए हमारे खाते में एक हजार रुपए आ गए हैं, उन्हें निकालने मैं रोजाना बैंक आ रही हूं लेकिन बैंक कर्मचारी ठीक से जवाब नहीं देते। मैं इस मामले की लिखित शिकायत हम थाने में भी कर चुके हैं।
कला आदिवासी, ग्रामीण उपभोक्ता
ताराबाई आदिवासी, ग्रामीण हरी सब्जी के लिए हमारे खाते में एक हजार रुपए आ गए हैं, उन्हें निकालने मैं रोजाना बैंक आ रही हूं लेकिन बैंक कर्मचारी ठीक से जवाब नहीं देते। मैं इस मामले की लिखित शिकायत हम थाने में भी कर चुके हैं।
कला आदिवासी, ग्रामीण उपभोक्ता
कमी तो है पर कर रहे हैं व्यवस्था
हां यह बात सही है कि हमारे पास कैश की कमी है जिस वजह से हम उपभोक्ताओं को कैश नहीं दे पा रहे हैं। इसकी हम व्यवस्था कर रहे हैं। जहां तक स्टाफ द्वारा अभद्रता किए जाने का आरोप है तो यह गलत है।
अजीत जैन, शाखा प्रबंधक, मध्यांचल ग्रामीण बैंक बैराड़
हां यह बात सही है कि हमारे पास कैश की कमी है जिस वजह से हम उपभोक्ताओं को कैश नहीं दे पा रहे हैं। इसकी हम व्यवस्था कर रहे हैं। जहां तक स्टाफ द्वारा अभद्रता किए जाने का आरोप है तो यह गलत है।
अजीत जैन, शाखा प्रबंधक, मध्यांचल ग्रामीण बैंक बैराड़
कैशियर पर रिश्वतखोरी का आरोप शिवपुरी. शहर के न्यूब्लॉक स्थित विजया बैंक के पूर्व कैशियर पर लोन दिलाने के नाम पर 20 हजार रुपए लेने का आरोप लगाते हुए एक युवक ने इसकी शिकायत कोतवाली में की है। हालांकि बैंक के मैनेजर घटना वाले दिन ही इस युवक की केरोसिन डालकर खुदकुशी का प्रयास करने की शिकायत पुलिस में कर चुका है।
जानकारी के मुताबिक अभी कुछ दिनों पहले ही विजया बैंक के मैनेजर पर भी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन दिलाने के एजव में रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। उस दौरान पीडि़त युवक भरत नामदेव निवासी तारकेश्वरी कॉलोनी ने अपनी तीन बेटियों के साथ मैनेजर के चैंबर में पहुंचकर खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। शिकायतकर्ता नामदेव ने कोतवाली टीआई संजय मिश्रा को बताया कि उसने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत आवेदन किया था और उसका केस विजया बैंक में पहुंच गया। इस दौरान उसकी मुलाकात विजया बैंक के पूर्व कैशियर अंशुल शर्मा से हुई। जिसने लोन फाइनल कराने के एवज में 20 हजार रूपए की मांग की। अंशुल की बातों में आकर उसने उसे 20 हजार रुपए दे दिए, लेकिन कुछ समय बाद ही उसका स्थानांतरण हो गया और वह अपनी बात से मुकर गया। जब उस पर दबाव बनाया गया तो उसने 5 हजार रूपए वापस दे दिए। जबकि 15 हजार रूपए वह वापस नहीं कर रहा है। पैसे वापस मांगे जाने पर वह उसे जान से मारने की धमकी देता है। अब अंशुल वर्तमान में गोवा स्थित विजया बैंक में है।
जानकारी के मुताबिक अभी कुछ दिनों पहले ही विजया बैंक के मैनेजर पर भी मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत लोन दिलाने के एजव में रिश्वत मांगने का आरोप लगा था। उस दौरान पीडि़त युवक भरत नामदेव निवासी तारकेश्वरी कॉलोनी ने अपनी तीन बेटियों के साथ मैनेजर के चैंबर में पहुंचकर खुद पर मिट्टी का तेल डालकर आत्महत्या करने का प्रयास किया था। शिकायतकर्ता नामदेव ने कोतवाली टीआई संजय मिश्रा को बताया कि उसने मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के तहत आवेदन किया था और उसका केस विजया बैंक में पहुंच गया। इस दौरान उसकी मुलाकात विजया बैंक के पूर्व कैशियर अंशुल शर्मा से हुई। जिसने लोन फाइनल कराने के एवज में 20 हजार रूपए की मांग की। अंशुल की बातों में आकर उसने उसे 20 हजार रुपए दे दिए, लेकिन कुछ समय बाद ही उसका स्थानांतरण हो गया और वह अपनी बात से मुकर गया। जब उस पर दबाव बनाया गया तो उसने 5 हजार रूपए वापस दे दिए। जबकि 15 हजार रूपए वह वापस नहीं कर रहा है। पैसे वापस मांगे जाने पर वह उसे जान से मारने की धमकी देता है। अब अंशुल वर्तमान में गोवा स्थित विजया बैंक में है।