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शिवपुरी

पत्थर के अवैध उत्खनन से सिंध के पुल को खतरा

तीन साल पूर्व बने पुल को ढहाने की तैयारी में खनन माफिया, पत्थर निकालते-निकालते माफिया पुल के पिलरों तक पहुंचे

शिवपुरीFeb 10, 2019 / 10:24 pm

Rakesh shukla

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पत्थर के अवैध उत्खनन से सिंध के पुल को खतरा

शिवपुरी/बदरवास. खतौरा से बदरवास के बीच सिंध नदी पर बनाए गए पुल को अभी बने हुए महज तीन साल ही हुए हैं, लेकिन उस पुल को खनन माफिया से खतरा उत्पन्न हो गया। इसका कारण यह है कि यह माफिया पत्थर का उत्खनन करते हुए पुल के पिलरों तक आ गए हैं और कई स्थानों पर तो पिलरों तक को तोड़ दिया है। इतना ही नहीं इसी स्थान से रेत का भी अवैध उत्खनन बेखौफ अंदाज में किया जा रहा है। यदि समय रहते प्रशासन व मायनिंग विभाग ने ध्यान नहीं दिया तो पुल कभी भी धराशायी हो सकता है।
बदरवास से तीन किमी दूर खतौरा को जोडऩे वाले रास्ते में सिंध नदी पर बनाए गए पुल की लंबाई लगभग एक किमी है और यह पुल 15 पिलरों पर बना हुआ है। इस पुल के नीचे बारिश के समय तो पानी रहता है जिससे यहां पर न तो पत्थर और न ही रेत का खनन हो पाता है। इधर जैसे ही बारिश का मौसम जाता है तो यहां पर सर्दी व गर्मी के दिनों में रेत व बोल्डर पत्थर का अवैध उत्खनन धड़ल्ले से होता है। बोल्डर तोडऩे वाले अभी तक तो पुल से दूर वाली पत्थर की चट्टानें तोड़ रहे थे, लेकिन अब वो उत्खनन करते हुए पुल के पिलरों तक जा पहुंचे।

पत्थर की मजबूत चट्टानों को परत दर परत तोडक़र जब निकाला जा रहा है, तो नीचे से कमजोर पत्थर आने के साथ ही उसमें जल भराव के लिए गड्ढे भी हो रहे हैं। सूत्रों का कहना है कि पत्थर की चट्टानों में से बोल्डर निकालने के लिए उनमें ब्लास्टिंग तक की जा रही है। इस ब्लास्टिंग से जमीन के अंदर तक के पत्थर हिल रहे हैं, वहीं पुल के पिलर भी कमजोर होते जा रहे हंै। इसके अलावा चितारा घाट से रेंजा घाट तक 20 किमी एरिया में हर दिन लगभग 200 ट्र्रैक्टर ट्रॉलियां रेत की भरी जा रही हैं।
इसलिए बढ़ रहा पुल को खतरा
अभी तक पत्थर.बोल्डर का उत्खनन पुल से दूर किया जा रहा था, लेकिन अब खनन माफिया पिलर से लगकर ही यह खनन कर रहे है। यदि इसी तरह से ब्लास्टिंग होती रही तो पिलर का स्थायित्व हिल सकता है तथा उसका आधार कमजोर होने से पिलर भी जल्दी हिल जाएंगे। सबसे अधिक खतरा उस समय रहेगा, जब बरसात के दिनों में पानी का तेज बहाव पिलर को प्रभावित कर सकता है।
अभी तक हमें इस संबंध में जानकारी नहीं थी। अब चूंकि आपके द्वारा जानकारी दी गई है, तो हम मौके पर टीम भेजकर पता करवाते हैं कि पत्थर बोल्डर का कहां पर अवैध उत्खनन हो रहा है। जल्द इसे बंद करवाया जाएगा।
आशीष तिवारी, एसडीएम कोलारस

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