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शिवपुरी

शिवपुरी में दो और मिले डेंगू के मरीज

शासकीय भवनों की पुरानी टंकियों में पनप रहा डेंगू का लार्वा

शिवपुरीOct 18, 2019 / 06:13 pm

महेंद्र राजोरे

शिवपुरी में दो और मिले डेंगू के मरीज

घरों के आसपास रखे पुराने टायरों में भरे पानी में दवा का छिडक़ाव करते मलेरिया अधिकारी।

शिवपुरी. जिले में दो और डेंगू के मरीज चिह्नित किए हैं, जिससे अभ्ी तक डेंगू से पीडि़त मरीजों की संख्या 6 तक पहुंच गई। बीते वर्ष की तुलना में इस बार मरीजों की संख्या कम है, जबकि मलेरिया विभाग के अमले को सर्वे में लगातार डेंगू का लार्वा मिल रहा है। मलेरिया अधिकारी ने शहर सहित जिले की महिलाओं से अपील की है कि गुरुवार को करवा चौथ की पूजा करने के बाद करवा को छत पर उल्टा करके रखें, क्योंकि अधिकांशत: करवा में जमा पानी में ही डेंगू का लार्वा मिलता है। साथ ही उन्होंने बताया कि शहर में स्थित पुराने शासकीय भवनों की छत पर बनीं टंकियों का उपयोग नहीं होने की वजह से उसमें जमा पानी में डेंगू का लार्वा सबसे अधिक मिल रहा है।
शिवपुरी में अभी हाल ही में दो लोगों को डेंगू पॉजिटिव निकला है। इनमें राजेश (40) पुत्र मुरारी निवासी बैराड़ एवं आयन खान (18) पुत्र आबिद खान निवासी हवाई पट्टी के पास, को जांच में डेंगू निकला और उनका इलाज अभी ग्वालियर में चल रहा है। चिह्नित हुए मरीजों के बारे में मलेरिया अधिकारी का कहना है कि उक्त दोनों मरीजों के आसपास सर्वे करवाया, लेकिन लार्वा नहीं मिला। उनसे पूछने पर पता चला कि वे पूना और भोपाल गए थे, वहीं से वे डेंगू पीडि़त होकर आए हैं। हालांकि इस बार शिवपुरी में डेंगू के मरीजों की संख्या उतनी नहीं है, जितने पिछले वर्षों में रही। इसके पीछे लगातार चल रहा सर्वे एवं आमजन में आई जागरुकता मुख्य कारण है।
बीते वर्षों में जा चुकी हैं कई जान
तीन वर्ष पूर्व जिले में डेंगू का कहर इतना अधिक था, पूरे प्रदेश में डेंगू के मरीजों की संख्या सबसे अधिक शिवपुरी में थी। उस दौरान करैरा सहित जिलेभर में लगभग एक दर्जन लोगों की मौत हो गई थी। वहीं बीते वर्ष भी डेंगू से शिवपुरी बायपास रोड स्थित मनियर क्षेत्र में एक किशोरी की तथा नवाब साहब रोड पर रहने वाली एक महिला की मौत हो गई थी। दो बार के हालात देखने के बाद अब लोगों में भी जागरुकता आई है, साथ ही विभाग ने भी समय पूर्व ही सर्वे शुरू कर दिया, जिसके चलते इस बार, पिछले वर्षों जैसी स्थिति नहीं बन सकी।
पुराने शासकीय भवनों की टंकियों में पनप रहा लार्वा
शहर में कई ऐसे पुराने भवन व कोठिया हैं, जिसमें पानी एकत्रित करने के लिए छत पर टंकियां बनी हुई हैं। सर्वे के दौरान आयकर विभाग के आसपास स्थित पुराने शासकीय भवनों व कोठियों की छतों पर बनी टंकियों के पानी में लार्वा बड़ी मात्रा में मिला है। चूंकि इनका उपयोग नहीं किया जाता, इसलिए उसमें पानी भी नहीं बदला जाता और लार्वा को पनपने के लिए मुफीद स्थान मिल जाता है।
यह हैं डेंगू के लक्षण
डेंगू एक विषाणु जनित गंभीर बीमारी है। संक्रमित मादा एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से फैलती है। यह ब्रेक बोन फीवर के नाम से भी जानी जाती है। इसके लक्षण मच्छर के काटने के 2 से 7 दिन बाद दिखते हैं। मुख्य लक्षण तेज बुखार, गंभीर सिर दर्द, आंखों के पीछे दर्द है, इसके अतिरिक्त उल्टी, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द एवं त्वचा पर चकत्ते (रैश) पडऩा है। डेंगू हेमरेजिक फीवर और डेंगू शॉक सिंड्रोम इस बीमारी का गंभीर रूप है। इस बीमारी का कोई स्पष्ट उपचार नहीं है, इसलिए रोकथाम इलाज से बेहतर है।
डेंगू से बचाव के उपाय
एडीज एजिप्टी मच्छर साफ एवं रुके हुए पानी में अपने अंडे देती है।
घर के अंदर टंकी, बाल्टी में एकत्रित पानी को 3 से 4 दिन में खाली कर, सुखाकर फिर पानी से भरें।
चिडिय़ा, गाय या कुत्तों को पानी पिलाने के बर्तनों को रोज अच्छे से धोकर सुखाकर भरें।
घर में पानी में लगाने वाले पौधे जैसे मनीप्लांट, कमल आदि न लगाएं।
घर में करवा चौथ के कर्वे, कूलर, शीशी, टूटे-फूटे बर्तनों, गमले, पुराने टायर आदि में पानी जमा ना होने दें।
इस्तेमाल के पानी को हमेशा एयर टाइट ढक्कन से अथवा कपड़े से ढंककर रखें, हर सप्ताह एक कटोरी खाने का तेल डालें।
यदि पानी में लार्वा दिखाई दे तो उसे कपड़े से छानकर, लार्वा को हाथ से मसलकर नष्ट कर दें।
एडीज मच्छर दिन में काटता है, इसलिए दिन में सोते समय मच्छरदानी का उपयोग करें, फुल आस्तीन के कपड़े पहनें तथा खिडक़ी व दरवाजों पर मच्छरजाली लगाएं।
खाली प्लाट या घर के आसपास यदि पानी एकत्रित हो तो उसकी निकासी के लिए रास्ता बनाएं, मिट्टी से भराव करें अथवा जला हुआ तेल या केरोसिन का छिडक़ाव करें।
डेंगू होने पर यह रखें सावधानी
यदि घर में कोई डेंगू से पीडि़त है, तो सुनिश्चित करें कि उन्हें मच्छर न काटे इसके लिए उन्हें कम से कम 10 दिनों तक 24 घंटे मच्छरदानी में रखें।
बुखार आने की स्थिति में अपनी मर्जी से दवा का सेवन ना करें, चिकित्सक की सलाह पर रक्त की जांच एवं दवाइयों का सेवन करें।
यदि बुखार 102 डिग्री फेरेनहाइट से अधिक है तो बुखार को कम करने के लिए हाइड्रोथेरेपी (ताजे फलों का रस पिलाना तथा शरीर पर पानी की पट्टी रखना चाहिए), सिर्फ पेरासिटामोल की गोली दें।
एस्परीन, आइबुप्रोफिन, नेप्रोक्सिन दवाइयों का उपयोग न करें, क्योकि ये शरीर में तेजी से रक्तस्राव कर सकती हैं।
यह बोले मलेरिया अधिकारी
अभी हाल ही में दो और लोगों को डेंगू पॉजिटिव आया है और अब संख्या 6 हो गई, लेकिन नए दो मरीजों को शिवपुरी में रहते हुए डेंगू नहीं हुआ, बल्कि वे बाहर से बीमारी लेकर आए हैं। हमारी सर्वे टीम लगातार काम कर रही है, लार्वा भी मिल रहा है, लोग भी जागरुक हुए हैं। पुराने भवनों की टंकियों को या तो हटाया जाए, या फिर उन्हें ढंका जाए।
लालजू शाक्य, जिला मलेरिया अधिकारी शिवपुरी

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