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शिवपुरी

दीपावली की खुशियों के बीच छाया था गांव में मातम

एक साथ 10 शवों का किया दीप पर्व पर अंतिम संस्कारककरा जैसे चार अंधे जानलेवा मोड़, हादसों के बाद भी सीधी नहीं हो रही सड़क

शिवपुरीNov 15, 2020 / 10:54 pm

महेंद्र राजोरे

दीपावली की खुशियों के बीच छाया था गांव में मातम

हादसे में मृत हुए लोगों की एक साथ चितााएं बनाते परिजन व ग्रामीण।

शिवपुरी. एक तरफ जहां शनिवार को हर कोई दीपावली मनाने की तैयारियों में था, वहीं दूसरी ओर पोहरी में डोंडरीखुर्द व डोंडरीकलां के दर्जनों ग्रामीण अपने परिजनों के शवों का पीएम होने का इंतजार कर रहे थे। इन गांवों में दीपावली की खुशी नहीं, बल्कि 10 मौतों का मातम पसरा हुआ था। पोहरी-श्योपुर रोड पर ककरा जैसे चार अंधे मोड़ हैं, जहां इससे पूर्व भी कई जानलेवा हादसे हो चुके हैं, बावजूद इसके इन अंधे मोड़ों को खत्म करके सड़क सीधी नहीं की गई। इसमें बड़ी उलझन फोरेस्ट की परमीशन न मिलना है, हालांकि इसके लिए अभी तक एमपीआरडीसी ने कोई प्रयास भी नहीं किया है, अन्यथा यह जानलेवा मोड़ भी खत्म हो सकते थे और जो दर्दनाक हादसा दीपावली से एक दिन पूर्व हुआ, वह शायद न होता।

ज्ञात रहे कि बीते शुक्रवार की देर शाम पोहरी-श्योपुर रोड पर ककरा के जिस अंधे मोड़ पर दर्दनाक हादसा हुआ और दस लोगों की जान चली गई, इस तरह के चार मोड़ इस रोड पर हैं, जिसमें रिछाई का मोड़, मडख़ेड़ा गांव के पास मोड़, ककरा मोड़, कुड़ी गांव के पास का मोड़ है। यह चारों मोड़ इतने ख्तरनाक हैं कि सड़क से अनजान ड्राइवर यहां अक्सर छोटे-बड़े हादसे का शिकार होते रहते हैं। जिस ककरा मोड़ पर बीते शुक्रवार को पिकअप वाहन पलटने से उसमें सवार दस लोगां की मौत हुई, उसी मोड़ पर लगभग एक साल पूर्व अजवाइन का ट्रक पलटने से भी चार लोगों की मौत हुई थी। इसके अलावा रिछाई मोड़ पर बीते वर्ष ऐसे ही एक सड़क हादसे में ग्वालियर के कुछ लोगों की जान चली गई थी। इन अंधे व खतरनाक मोड़ों पर यह पहला हादसा नहीं हुआ, बल्कि इससे पहले भी कई गंभीर हादसे हो चुके हैं, बावजूद इसके इन अंधे मोड़ों को खत्म करने की दिशा में कोई पहल नहीं की गई।

सीधी हो जाए सड़क तो नहीं होंगे हादसे

पोहरी-श्योपुर सड़क के दोनों तरफ जंगल यानि फोरेस्ट की जमीन है। जब एमपीआरडीसी ने सड़क को बनाया था, तब उनकी डिजाइन में भी इन अंधे मोड़ चिह्नित किए गए थे, लेकिन सड़क को सीधा करके खतरे को कम करने की बजाए एकाध जगह संकेतक लगाकर विभाग ने अपने कर्तव्य से इतिश्री कर ली थी। यदि उस समय एमपीआरडीसी ही सड़क को सीधा करने या फिर अंधे मोड़ का टर्न छोटा करने के लिए परमीशन आदि का प्रयास करता तो वन विभाग अनुमति देने की दिशा में कोई पहल करता, लेकिन अभी तक इस तरह के प्रयास नहीं किए गए।

पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री हैं राठखेड़ा

पोहरी-श्योपुर रोड एमपीआरडीसी (मध्यप्रदेश रोड डेवलपमेंट कारपोरेशन) के अंतर्गत आती है, जो पीडब्ल्यूडी की ही एक विंग है। बीते शुक्रवार को हुए दर्दनाक हादसे के बाद पोहरी विधायक व पीडब्ल्यूडी राज्यमंत्री सुरेश राठखेड़ा ने अपने परिजनों को मौके पर भेजा था। यदि राज्यमंत्री इस मामले में दिलचस्पी लें तो इस रोड पर मौत के यह खतरनाक मोड़ हमेशा के लिए खत्म हो सकते हैं तथा फिर भविष्य में इस तरह के दर्दनाक हादसे नहीं होंगे तथा कई परिवार बर्बाद होने से बच जाएंगे।

बोले कलेक्टर: सुधरवाएंगे खतरनाक मोड़

पोहरी-श्योपुर रोड पर चारों अंधे मोड़ के नाम आप मुझे बता दें, मैं इस संबंध में एमपीआरडीसी व फोरेस्ट के अधिकरियों से बात करके इस समस्या को हमेशा के लिए खत्म करवाने के लिए प्रयास करूंगा, क्योंकि अभी तक इस दिशा में किसी ने प्रक्रिया ही श्ुारू नहीं की है।
अक्षय कुमार सिंह, कलेक्टर शिवपुरी
अभी तक नहीं दिया प्रस्ताव : डीएफओ

यदि सड़क के आसपास फोरेस्ट की भूमि है और उस जमीन से सड़क निकालनी है, तो संबंधित विभाग को परमीशन के लिए प्रस्ताव भेजना चाहिए था। मुझे याद नहीं है कि इस तरह का कोई प्रस्ताव अभी तक नहीं दिया गया।
लविन भारतीय, डीएफओ शिवपुरी

बोले राठखेड़ा: खत्म करवाएंगे अंधे मोड़

यह बात सही है कि यदि अंधे मोड़ को खत्म करके सड़क सीधी हो सकती है, तो मैं यह जरूर करवाऊंगा। मेरा प्रयास रहेगा कि जल्द से जल्द यह अंधे मोड़ खत्म किए जाकर सड़क सीधी की जाए, ताकि फिर कोई ऐसा हादसा न हो।
सुरेश राठखेड़ा, राज्यमंत्री पीडब्ल्यूडी व विधायक पोहरी

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