हमने दोनों पक्षों के कथन ले लिए हंै तथा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को पूरा घटनाक्रम भी बता दिया है। शादी न होने के पीछे दोनों पक्ष अलग-अलग बात कह रहे हैं।
फ्रांसिका कुजूर, महिला बाल विकास अधिकारी
फ्रांसिका कुजूर, महिला बाल विकास अधिकारी
मैं गांव भी गया, लेकिन लडक़ी के पिता ने किसी भी प्रकार का रिश्ते की बात होने से इनकार किया है। साथ ही यह भी कहा कि लडक़े वाले जबरदस्ती दबाव डालकर शादी करना चाहते हैं। हम शादी न होने का कारण पता कर रहे हैं।
रामेश्वर शर्मा, एसआई थाना बदरवास
रामेश्वर शर्मा, एसआई थाना बदरवास
दूल्हा बनकर आया, दुल्हन के परिजनों ने भगाया बदरवास. ईसागढ़ के ग्राम मुसयावदा में रहने वाला हल्के पुत्र शिवलाल आदिवासी, शुक्रवार को अपनी बारात लेकर बदरवास के टुडय़ावद ग्राम के पीरहार में पहुंचा। लेकिन वहां बारात का स्वागत करने की बजाए वधु पक्ष के लोग लट्ठ लेकर खड़े नजर आए। इतना ही नहीं उक्त लोगों ने बारात को वहां से भगा दिया। बीती रात से लेकर शनिवार को पूरे दिन दूल्हा व बारात, बदरवास थाना परिसर में यह इंतजार करते रहे कि शायद दूल्हे को दुल्हन मिल जाए। समाचार लिखे जाने तक समाज की बैठक कराए जाने की चर्चा चलती रही।
जानकारी के अनुसार बदरवास के ग्राम पीरहार में रहने वाली राजकुमारी पुत्री रतीराम आदिवासी की शादी ईसागढ़ के हल्के पुत्र शिवलाल आदिवासी के साथ 11 मई को शादी होना तय हुआ। शादी के कार्ड भी छप चुके थे और रिश्तेदार भी बाराती बनकर दूल्हे के साथ शुक्रवार की शाम को बदरवास पहुंचे। दूल्हा बने हल्के ने बताया कि जब हम बारात लेकर पीरहार गांव पहुंचे तो वहां हमारा किसी ने स्वागत तो नहीं किया, बल्कि वहां कुछ लोग शराब के नशे में धुत्त होकर लाठी लेकर हमारा इंतजार करते मिले। जब हमने पूछा कि आखिर शादी क्यों नहीं की जा रही, तो उन्होंने न कोई कारण बताया और न ही शादी के लिए सहमति जताई। बताते हैं कि बारात व दूल्हा ने जब खुद को असुरक्षित महसूस किया तो उन्होंने डायल-100 को कॉल करके बुला लिया। चूंकि यह दो परिवारों के बीच रिश्ता जोड़े जाने का मामला था, इसलिए पुलिस ने भी इस मामले से दूरी बना ली। आज पूरे दिन बारात व दूल्हा बदरवास थाना परिसर में इस उम्मीद में बैठे रहे, कि शायद पुलिस ही उसकी शादी करवा दे। क्योंकि वो घर से बारात लेकर दुल्हन लेने आया था, लेकिन यहां तो न शादी हुई न दुल्हन मिली, अब वो किस मुंह से अपने गांव वापस जाए। देर शाम समाज के लोगों की बैठक करके इस मामले का निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार बदरवास के ग्राम पीरहार में रहने वाली राजकुमारी पुत्री रतीराम आदिवासी की शादी ईसागढ़ के हल्के पुत्र शिवलाल आदिवासी के साथ 11 मई को शादी होना तय हुआ। शादी के कार्ड भी छप चुके थे और रिश्तेदार भी बाराती बनकर दूल्हे के साथ शुक्रवार की शाम को बदरवास पहुंचे। दूल्हा बने हल्के ने बताया कि जब हम बारात लेकर पीरहार गांव पहुंचे तो वहां हमारा किसी ने स्वागत तो नहीं किया, बल्कि वहां कुछ लोग शराब के नशे में धुत्त होकर लाठी लेकर हमारा इंतजार करते मिले। जब हमने पूछा कि आखिर शादी क्यों नहीं की जा रही, तो उन्होंने न कोई कारण बताया और न ही शादी के लिए सहमति जताई। बताते हैं कि बारात व दूल्हा ने जब खुद को असुरक्षित महसूस किया तो उन्होंने डायल-100 को कॉल करके बुला लिया। चूंकि यह दो परिवारों के बीच रिश्ता जोड़े जाने का मामला था, इसलिए पुलिस ने भी इस मामले से दूरी बना ली। आज पूरे दिन बारात व दूल्हा बदरवास थाना परिसर में इस उम्मीद में बैठे रहे, कि शायद पुलिस ही उसकी शादी करवा दे। क्योंकि वो घर से बारात लेकर दुल्हन लेने आया था, लेकिन यहां तो न शादी हुई न दुल्हन मिली, अब वो किस मुंह से अपने गांव वापस जाए। देर शाम समाज के लोगों की बैठक करके इस मामले का निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा है।