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शिवपुरी

72 घंटे बाद बिना दुल्हन लौटी बारात

लडक़ी के पिता ने कहा हमने नहीं किया रिश्ता, लडक़े का पिता बोला रिश्ता होने के बाद ही लाए बारात
 

शिवपुरीMay 13, 2018 / 10:55 pm

Rakesh shukla

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शिवपुरी/बदरवास। घर से दूल्हा बनकर दुल्हन लेने आया दूल्हा व बारात आखिरकार 72 घंटे बाद वापस लौट गई। रविवार को पत्रिका में खबर प्रकाशित होने के बाद हरकत में आए प्रशासन व पुलिस ने इस मामले में जब पता किया तो लडक़ी के पिता ने बताया कि मैंने कोई रिश्ता तय नहीं किया।
पत्रिका में रविवार को खबर प्रकाशित होने के बाद महिला बाल बिकास एवं पुलिस विभाग सक्रिय हुआ तथा दूल्हा बने हल्के के पिता शिवलाल आदिवासी से पूछताछ की तो उसने बताया कि दो माह पूर्व लडक़ी का पिता मेरे घर आया तथा लडक़े को देखकर गया था। इसके बाद विधिवत फलदान भी दिया एवं लगुन पत्रक भी भेजा था। इसलिए मैं धूमधाम से बेटे की बारात लेकर आया था। लेकिन जब लडक़ी के घर पहुंचा तो गांव में घुसने तक नहीं दिया गया। समाज के लोगों को भी बुलाया, लेकिन कोई फैसला नहीं हुआ। वहीं लडक़ी राजकुमारी के पिता रतिराम से जब पूछा तो उसने बताया कि मेरे द्वारा कोई रिश्ता नहीं किया गया, कोई तीसरा व्यक्ति ही रिश्ता तय कर आया। जब समाज की बैठक होगी तो, मैं उसमें जबाव दूंगा। अगर शादी होती तो मेरे घर भी रिश्तेेदार व परिजन बारात का स्वागत करते।
महत्वपूर्ण बात यह है कि दोनों पक्षों ने शादी के कार्ड छपवाए तथा उनका वितरण भी किया। लेकिन किन्हीं कारणों के चलते बीते पांच दिन पूर्व अज्ञात कारणों के चलते यह रिश्ता टूट गया। शादी क्यों नहीं हुई, यह बात दोनों पक्ष के लोग नहीं बता पा रहे।
हमने दोनों पक्षों के कथन ले लिए हंै तथा जिले के वरिष्ठ अधिकारियों को पूरा घटनाक्रम भी बता दिया है। शादी न होने के पीछे दोनों पक्ष अलग-अलग बात कह रहे हैं।
फ्रांसिका कुजूर, महिला बाल विकास अधिकारी
मैं गांव भी गया, लेकिन लडक़ी के पिता ने किसी भी प्रकार का रिश्ते की बात होने से इनकार किया है। साथ ही यह भी कहा कि लडक़े वाले जबरदस्ती दबाव डालकर शादी करना चाहते हैं। हम शादी न होने का कारण पता कर रहे हैं।
रामेश्वर शर्मा, एसआई थाना बदरवास
दूल्हा बनकर आया, दुल्हन के परिजनों ने भगाया

बदरवास. ईसागढ़ के ग्राम मुसयावदा में रहने वाला हल्के पुत्र शिवलाल आदिवासी, शुक्रवार को अपनी बारात लेकर बदरवास के टुडय़ावद ग्राम के पीरहार में पहुंचा। लेकिन वहां बारात का स्वागत करने की बजाए वधु पक्ष के लोग लट्ठ लेकर खड़े नजर आए। इतना ही नहीं उक्त लोगों ने बारात को वहां से भगा दिया। बीती रात से लेकर शनिवार को पूरे दिन दूल्हा व बारात, बदरवास थाना परिसर में यह इंतजार करते रहे कि शायद दूल्हे को दुल्हन मिल जाए। समाचार लिखे जाने तक समाज की बैठक कराए जाने की चर्चा चलती रही।
जानकारी के अनुसार बदरवास के ग्राम पीरहार में रहने वाली राजकुमारी पुत्री रतीराम आदिवासी की शादी ईसागढ़ के हल्के पुत्र शिवलाल आदिवासी के साथ 11 मई को शादी होना तय हुआ। शादी के कार्ड भी छप चुके थे और रिश्तेदार भी बाराती बनकर दूल्हे के साथ शुक्रवार की शाम को बदरवास पहुंचे। दूल्हा बने हल्के ने बताया कि जब हम बारात लेकर पीरहार गांव पहुंचे तो वहां हमारा किसी ने स्वागत तो नहीं किया, बल्कि वहां कुछ लोग शराब के नशे में धुत्त होकर लाठी लेकर हमारा इंतजार करते मिले। जब हमने पूछा कि आखिर शादी क्यों नहीं की जा रही, तो उन्होंने न कोई कारण बताया और न ही शादी के लिए सहमति जताई। बताते हैं कि बारात व दूल्हा ने जब खुद को असुरक्षित महसूस किया तो उन्होंने डायल-100 को कॉल करके बुला लिया। चूंकि यह दो परिवारों के बीच रिश्ता जोड़े जाने का मामला था, इसलिए पुलिस ने भी इस मामले से दूरी बना ली। आज पूरे दिन बारात व दूल्हा बदरवास थाना परिसर में इस उम्मीद में बैठे रहे, कि शायद पुलिस ही उसकी शादी करवा दे। क्योंकि वो घर से बारात लेकर दुल्हन लेने आया था, लेकिन यहां तो न शादी हुई न दुल्हन मिली, अब वो किस मुंह से अपने गांव वापस जाए। देर शाम समाज के लोगों की बैठक करके इस मामले का निराकरण करने का प्रयास किया जा रहा है।

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