ये भी पढ़ें- पंचायत का अजीबोगरीब फरमान, 5 चप्पल मारकर रेप के मामले को दबाने का आदेश मामले की सुनवाई एडीजे की कोर्ट में चल रही थी। अपर जिला शासकीय अधिवक्ता श्रावस्ती सत्येंद्र बहादुर सिंह ने बताया कि अभियुक्त बनवारी लाल चौहान मामले में दोषी पाया गया है। कोर्ट ने उसे सश्रम आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही 51000 रुपये का अर्थदंड भी लगाया है। अर्थदंड अदा न करने पर 2 वर्ष का साधारण कारावास की सजा और धारा 323 में छह माह की सजा व 1000 रुपए का अर्थदंड लगाया है। और इसे अदा न करने पर 6 माह के अतिरिक्त कारावास की सजा सुनाई गई है।
पीड़िता को आर्थिक मदद का आदेश-
न्यायालय ने कहा कि इस मामले में पीड़िता के साथ उसके पिता ने ही बलात्कार किया है। तथा उसकी सौतेली मां द्वारा उसको घर में रहने नहीं दिया जा रहा है। इसलिए पॉक्सो अधिनियम 2012 की सुसंगत धाराओं में पीड़िता को 200000 रुपये नालसा /सालसा / राज्य सरकार से दिलाया जाना न्यायालय के मत में उचित प्रतीत होता है। अतः प्रति कर के रूप में 200000 रुपये दिलाए जाने के लिए भी न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है। जिससे पीड़िता का पुनर्वास हो सके।
न्यायालय ने कहा कि इस मामले में पीड़िता के साथ उसके पिता ने ही बलात्कार किया है। तथा उसकी सौतेली मां द्वारा उसको घर में रहने नहीं दिया जा रहा है। इसलिए पॉक्सो अधिनियम 2012 की सुसंगत धाराओं में पीड़िता को 200000 रुपये नालसा /सालसा / राज्य सरकार से दिलाया जाना न्यायालय के मत में उचित प्रतीत होता है। अतः प्रति कर के रूप में 200000 रुपये दिलाए जाने के लिए भी न्यायालय ने राज्य सरकार को आदेश दिया है। जिससे पीड़िता का पुनर्वास हो सके।