जागरूकता के क्रम में विद्यालयों में प्रार्थना सभा के दौरान बच्चों के इकठ्ठा होने पर रोक लगाने के साथ ही उनकी सेहत पर ध्यान रखने को भी विद्यालय के जिम्मेदारों को कहा गया है। जिससे कि किसी भी बच्चे में फ्लू का लक्षण दिखने पर उन्हे उचित उपचार मुहैया कराया जा सके और उन्हे विद्यालय से घर भेज दिया जाय।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को पत्र लिखकर विद्यलयों में बच्चों को इसके बारे तथा इससे बचाव आदि के बारे में जानकारी देने व अलर्ट रहने को कहा है। सीएमओ ने अधिकारियेां को मण्डलायुक्त व अन्य उच्चाधिकारियों के पत्रों का हवाला देते हुए बताया है कि स्कूलों में फिलहाल जब तक स्वाइन फ्लू का प्रकोप जारी है तब तक प्रार्थना सभाओं में बच्चों को जुटने न दिया जाय। जिन बच्चों में फ्लू का लक्षण दिखे उन्हें तुरंत घर भेज दिया जाय और इसकी सूचना सीएमओ को दी जाय।
उन्होंने कहा कि बच्चों को स्वाईन फ्लू से बचाने के लिए नियमित रूप से साफ सफाई व भीड़ भाड़ वाले स्थानों पर जाने से बचने के लिए प्रेरित किया जाय। स्वाईन फ्लू के मरीज के पास उसके कमरे में जाते समय आनिवार्य रूप से मास्क लगाया जाय। इन सबके बारे में जानकारी देने के लिए प्रेरित किया गया। इसके अलावा जिले के सभी स्वास्थ्य केन्द्रों में भी पत्र भेजकर अलर्ट जारी किया गया है।
बता दें कि सूबे में स्वाइन फ्लू की रोकथाम के लिए सभी जनपदों में त्वरित कार्रवाई दल का गठन किया गया है. टीम में एक जन स्वास्थ्य विशेषज्ञ, एक फिजिशियन, एक एपीडेमियोलॉजिस्ट तथा एक पैथोलाजिस्ट, लैब टेक्नीशियन को शामिल किया गया है, इसके साथ- साथ प्रदेश के सभी जिला चिकित्सालयों में 10 बेड वाले आइसोलेशन वार्ड बनाए गए हैं ।