गुरुवार रात एक ही कमरे में सो रहे सात लोगों को जब ठंड का ज्यादा एहसास होने लगा तो वह लोग इमली के लकड़ी का कोयला अंगीठी में जला कर सो गए। शुक्रवार देर गए सुबह में नूरी (20) पत्नी अरमान अहमद (25) जिसे दो पूर्व बच्ची पैदा हुई थी की आंख खुली तो वह भी लड़खड़ा रही थी।
उसने बाकी सदस्यों को जगाया, लेकिन कोई बोला नहीं तो किया प्रकार वह कमरे से बाहर निकली। जिस समय कमरे से बाहर निकली तो पूरा कमरा धुआं से भरा था। उसने अपने मामू जलाल हैदर व अन्य को बाताया कि, सारे लोग बेहोश पड़े हैं। लोग भाग कर कमरे में पहुंचे।
काफी कोशिश की पर उरुजा (12) पुत्री इजहार मेंहदी व दो दिन की मासूम बच्ची को छोड़ किसी के शरीर में हरकत नहीं दिखी। घर वालों ने सीएचसी बेंवा से डॉ राहुल चौधरी को घर पर ही बुला लिया। उन्होंने जीओ बेगम (65) पत्नी मु. कैसर, रुखसार (20) पुत्री मु. कैसर, अरमान अहमद (25) पुत्र अहमद रजा व कसीन जेहरा (45) पत्नी इजहार मेंहदी को मृत्यु घोषित कर दिया।
जीओ बेगम व रुखसार मां-बेटी है। अरमान अहमद उनका दामाद है, जबकि कसीन जेहरा, जीओ बेगम की बहन हैं। एक साथ चार की मौत से परिवारीजनों सहित पूरे गांव में कोहराम मच गया। सूचना पर विधायक राघवेन्द्र प्रताप सिंह, एसपी डॉ. धर्मवीर सिंह, प्रभारी एसडीएम एम जुबेर बेग, सीओ सुनील कुमार सिंह, एसओ डुमरियागंज राजेन्द्र बहादुर के साथ कई थानों की पुलिस मौके पर पहुंच गई थी। यह घटना लोगों के लिए चर्चा का विषय बनी रही।
input- सूरज सिंह