Read:शिक्षकों की कमी को लेकर स्कूल के जड़ा ताला जांच अधिकारी उपनिरीक्षक मनीष कुमार ने बताया कि बगवास से तीन दिन पहले तीन वर्षीय मासूम बालिका को एक युवक अगवा कर ले गया था। बताया गया कि उक्त युवक अपने आप को शिक्षक बताता था। जो करमदीखेड़ा में ट्यूशन पढ़ाता था।
Read:शिशु मृत्यु दर को कम करने के लिए क्या कदम उठाने चाहिए? हमें बताएं… वह पिछले काफी दिनों से बगवास आता था। यहां कच्ची बस्ती स्थित मोहन पुत्र मांगीलाल के यहां भी आता-जाता था। मोहन की तीन वर्षीय पुत्री से वह घुल-मिल गया। गत 20 सितम्बर को वह हिमांशी को घुमाकर लाने के नाम से ले गया जो वापस नहीं लाया। इसके बाद परिजनों ने रिपोर्ट दर्ज कराई। पुलिस ने मासूम के अगवा होने का मामला दर्ज कर जांच शुरू की। इसमें सामने आया कि अपहरणकर्ता अपनी पहचान बदलकर रह रहा था।
घर से भी बेघर था पुलिस जांच में सामने आया कि लक्ष्मीनारायण उर्फ दुष्यंत मूलत: मध्यप्रदेश के मंदसौर जिले के बांसाखेड़ी निवासी है। उसकी पत्नी उसे छोड़कर चली गई थी। जबकि एक पुत्री थी। जो उसके गांव में दादा-दादी के पास रहती है। लक्ष्मीनारायण को उन्होंने घर से निकाल रखा है। इसके बाद लक्ष्मीनारायण नाम बदलकर प्रतापगढ़़ आया। उसने कुछ समय तक नीमच रोड स्थित एक निजी विद्यालय में भी बतौर शिक्षक पढ़ाया। कुछ समय बाद ही उसे विद्यालय ने निकाल दिया। इसके बाद वह धमोतर क्षेत्र के करमदीखेड़ा में रहने लगा। जहां बच्चों को ट्यूशन पढ़ाने लगा।
इस दौरान वह बगवास भी आता-जाता था। इससे फल व सब्जी विक्रेता मांगीलाल के घर भी अपने आप का शिक्षक बताकर जान-पहचान निकाली। यहां बच्ची को पिछले कई दिनों से घुमाने फिराने के लिए बाजार एवं अन्य जगह ले जा रहा था। उसे टॉफी एवं अन्य चीजें भी दिलाता था।
इस पर गांव के लोगों ने भी संदेह जताया था। इसके बाद वह 20 सितम्बर को मासूम को ले गया। पुलिस ने अपहरण का मामला दर्ज कर जांच की। इसमें अहपरणकर्ता की वास्तविक पहचान सामने आई। पुलिस बांसाखेड़ा गांव गई। जहां उसके माता-पिता ने बताया कि लक्ष्मीनारायण को काफी समय से घर से निकाल रखा है। पुलिस ने आसपास कई संदिग्ध स्थानों पर भी तलाश की है। इसके साथ ही राजस्थान व मध्यप्रदेश के विभिन्न थानों में फोटो भिजवाए हैं।