scriptअभियन्ता दिवस के रूप में मना विश्वेश्वरैया का जन्म दिन | Visvesvaraya Birth anniversary celebrted in siddharthanagar | Patrika News
सिद्धार्थनगर

अभियन्ता दिवस के रूप में मना विश्वेश्वरैया का जन्म दिन

डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के लोगों ने विश्वेश्वरैया का जन्म दिन अभियन्ता दिवस के रूप में मनाया।

सिद्धार्थनगरSep 16, 2017 / 01:09 pm

Akhilesh Tripathi

Up diploma engineers association

डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ

सिद्धार्थनगर. डिप्लोमा इंजीनियर्स महासंघ के लोगों ने शुक्रवार को स्वर्गीय इंजीनियर आरके दत्ता के निर्वाण दिवस एवं इंजीनियर मोक्ष मुण्डम विश्वेश्वरैया का जन्म दिन अभियन्ता दिवस के रूप में मनाया। कार्यक्रम के दौरान बस्ती मण्डल उपाध्यक्ष प्रभाकर शुक्ला ने भाग लिया। इस दौरान उन्होंने विश्वेश्वरैया के जन्म दिवस को अभियन्ता दिवस के रूप में मनाए जाने की धारणा के बारे में जानकारी दी।
अभियन्ता दिवस समारोह का आयोजन ड्रेनेज खण्ड कार्यालय में किया गया। जहां पर इंजीनियरों ने स्वैच्छिक रक्तदान के साथ ही गरीब असहायों के लिए भोजन का इंतजाम करने, पौधरोपण, हवन कार्यक्रम के साथ ही विकास भवन परिवर में 11 पौधों का रोपण कर अभियन्ता दिवस मनाया। इस दौरान इंजीनियरों ने स्वर्गीय इंजीनियरों के जीवन वृत्त पर प्रकाश डालते हुए कार्यशैली व जीवन को बेहतर बनाने के लिए उनके विचारों को जीवन में उतारने का संकल्प दोहराया। साथ ही प्रत्येक वर्ष आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान सभी पदाधिकारियों को एक एक संकल्प को पूरा करने की बात कही। जिससे उनके विचारों को मूर्त रूप दिया जा सके।
दोपहर के 12 बजे से दो बजे तक हवन पूजन का कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दौरान अनरूद्ध राय, श्रीराम यादव, दिनेश कुमार चन्द्रा, आरपी सिंह, सीपीएन सिंह, सुनील शाह, एमटी राय, घनश्याम चौधरी, आशीष कुमार कुशवाहा, ठाकुरदीन, अनुराग यादव, हरीश त्रिपाठी, महेन्द्र कुमार, आरके सिंह, रितेश कुमार यादव, एसके मिश्रा आदि इंजीनियर मौजूद रहें।
विश्वेश्वरैया का जीवन परिचय

विश्वेश्वरैया का जन्म कर्नाटक के कोलार जिले के चिक्काबल्लापुर में 15 सितंबर 1860 को हुआ था। उनके पिता का नाम श्रीनिवास शास्त्री तथा माता का नाम वेंकाचम्मा था। पिता संस्कृत के विद्वान थे। विश्वेश्वरैया ने प्रारंभिक शिक्षा जन्म स्थान से ही पूरी की।उसके बाद की पढ़ाई उन्होंने बंगलूर के सेंट्रल कॉलेज में दाखिला लिया। लेकिन यहां उनके पास धन का अभाव था। अत: उन्हें टयूशन करना पड़ा। विश्वेश्वरैया ने 1881 में बीए की परीक्षा में अव्वल स्थान प्राप्त किया। इसके बाद मैसूर सरकार की मदद से इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए पूना के साइंस कॉलेज में दाखिला लिया। 1883 की एलसीई व एफसीई (वर्तमान में बीई उपाधि) की परीक्षा में प्रथम स्थान प्राप्त करके अपनी योग्यता का परिचय दिया।

Home / Sidharthnagar / अभियन्ता दिवस के रूप में मना विश्वेश्वरैया का जन्म दिन

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो