scriptराष्ट्रीय बांस मिशन के तहत MP में स्थापित होंगी 32 इकाइयां | 32 units to be set up in MP under National Bamboo Mission | Patrika News
सीधी

राष्ट्रीय बांस मिशन के तहत MP में स्थापित होंगी 32 इकाइयां

-बोले, वन मंत्री कुंवर विजय शाह

सीधीJan 04, 2021 / 07:37 pm

Ajay Chaturvedi

Bamboo Mission

Bamboo Mission

सीधी. प्रदेश में बांस उगाने वाले किसानों की आय बढ़ाने के लिये बांस उत्पादों की 9 उत्पादन इकाईयां मंजूर कर एक करोड़ 22 लाख रुपये से ज्यादा का अनुदान जारी किया गया है। इस वर्ष प्रदेश में 32 आधारित इकाईयां स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है।
वन मंत्री कुंवर विजय शाह ने बताया कि राष्ट्रीय बांस मिशन द्वारा इंडियन बैंक एसोसियेशन के सहयोग से आयोजित वेबिनार में स्पष्ट हुआ है कि देश में मध्यप्रदेश एक मात्र ऐसा राज्य है जहां बांस उत्पादकों की उत्पादन इकाइयों का कार्य प्रारंभ हुआ है। कुंवर शाह ने बांस मिशन से जुड़े अधिकारियों का उत्साहवर्धन करते हुए कहा है कि सकारात्मक प्रयास करने के कारण सफल परिणाम सामने आये हैं। उन्होंने इस दिशा में प्रयास और तेज करने के निर्देश भी दिये हैं।
राज्य बांस मिशन के सीईओ और प्रधान मुख्य वन संरक्षक डॉ. अभय कुमार पाटिल ने बताया कि किसानों की आय दोगुनी करने और पर्यावरण सुधार के लिये मिशन द्वारा कृषकों की भूमि पर लक्ष्य के अनुरूप पिछले वर्षों में 15 लाख से अधिक बांस के पौधे रोपित किये गये हैं। जबकि केवल 2020 में 3500 हेक्टेयर निजी क्षेत्र में बांस रोपण करवाया गया है। रोपण के चार वर्ष बाद बांस के भिररे काटने लायक हो जाते हैं और इससे किसान को सालाना प्रति एकड़ एक लाख रुपये से अधिक की आमदनी हो सकेगी।
राष्ट्रीय बांस मिशन योजना में बांस उत्पादों के उद्योग लगावाने के लिये बैंक एडेड सब्सिडी स्कीम का प्रावधान है। इच्छुक उद्यमियों की बैंकेबल प्रोजेक्ट भी मिशन द्वारा निरूशुल्क बनवाया जा रहा है। बैंकों की अनुशंसा पर अभी तक 9 इकाईयाँ स्वीकृत कर एक करोड़ 22 लाख 65 हजार रुपये का अनुदान जारी किया जा चुका है। इसके अलावा 5 उद्यमियों के प्रोजेक्ट के लिये संबंधित बैंकों की सहमति भी प्राप्त हो गई है। योजना के अनुरूप अन्य औपचारिकताएँ शीघ्र पूर्ण कराई जा रही हैं। अन्य 4 उद्यमियों के प्रोजेक्ट बनवाकर उनको दिये जा चुके है। राज्य बांस मिशन अगले पाँच साल में प्रदेश में बांस उत्पाद निर्माण करने वाले उद्योगों का नेटवर्क स्थापित करेगा और किसान अपने जिले में ही अपने बांस की बिक्री कर सकेंगे।
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