विश्राम गृह को बना लिया गया बंगला
विश्राम गृह को बना लिया गया बंगला, महीनों से निवास कर रहे हैं अधिकारी, बंगला एलाट होने के बाद भी रेस्ट हाउस में आवास
बंगला एलाट होने के बाद भी रेस्ट हाउस में आवास
सीधी। शासन के द्वारा विश्राम गृह का निर्माण कराया गया है ताकि कोई भी मंत्री, व्हीआईपी या शासकीय अधिकारी जिले के भ्रमण पर आता है तो उसे ठहराया जा सके, किंतु शहर में बने विश्राम गृह का उपयोग इसकी जगह बंगले के रूप में किया जा रहा है। कोई भी अधिकारी स्थानांतरित होकर जिले में आता है तो वैकल्पिक ब्यवस्था के बतौर विश्राम गृह में रूकता है उसके बाद वह अपने बंगले मे जाने के बजाय विश्राम गृह को ही बंगला मान बैठता है, ऐसी ही स्थिति शहर के जल संसाधन विभाग के कार्यालय के बगल में संचालित विश्राम गृह का है। यह विश्राम गृह लोक निर्माण विभाग के अंतर्गत आता है, जहां मनमानी का आलम देखने को मिल रहा है।
उल्लेखनीय है कि बीते तीन माह पूर्व स्थानांतरित होकर तहसीलदार सीधी आए, तब से वे लगातार पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस मे ठहर रहे हैं। जबकि नियमानुसार रेस्ट हाउस में तीन दिन से ज्यादा नहीं ठहराया जा सकता, फिर भी लोग महीनों से डटे हुए हैं।
नहीं दिया जाता किराया-
विभाग के द्वारा विश्राम गृह मे रहने वाले आगंतुको के ठहरने पर किराए का भी निर्धारण किया गया है। किंतु पीडब्ल्यूडी के रेस्ट हाउस में किराया भी नहीं जमा कराया जाता है। तीन दिन तक सामान्य किराए का निर्धारण किया गया है, तीन दिन के बाद लाज के किराए का औसतन निर्धारण कर किराया जमा कराने का प्रावधान है किंतु यहां ठहरने वाले लोगों से किराए की वसूली नहीं की जा रही है।
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