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दिन-रात एक कर कोविड-19 मरीजों की सेवा करने वालों को न मिला मानदेय न CM की प्रोत्साहन राशि

-तीन माह के लिए नियुक्त किए गए थे आयुष डॉक्टर व पैरामेडिकल स्टाफ -मानदेय के नाम पर नहीं मिली फूटी कौड़ी -प्रभावित चिकित्सकों, पैरामेडिकल स्टाफ ने सीएमएचओ को सौंपा ज्ञापन

सीधीJun 15, 2020 / 06:05 pm

Ajay Chaturvedi

कोविड-19 मेडिकल स्टॉफ

कोविड-19 मेडिकल स्टॉफ

सीधी.

कोरोना संक्रमित मरीजों की दिन-रात एक कर सेवा करने वाले कोविड-19 मेडिकल स्टॉफ पर सरकार ने फूल तो बरसाए। सुविधा और सहूलियतों के आश्वासन की बारिश भी की। लेकिन तीन महीने बाद हकीकत ये है कि उन्हें उनका मानदेय तक नहीं मिला। इतना ही नहीं उनकी सुरक्षा और प्रोत्साहन राशि (10000 रुपये जो मुख्यमंत्री शिवराज सिंह द्वारा अप्रैल माह में देने की घोंषणा की गई थी) ही प्रदान की गई। इससे आयुष चिकित्सकों सहित अन्य स्टॉफ में काफी नाराजगी व्याप्त है।
बता दें कि कोरोनाकाल में चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टाफ की कमी को दूर करने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत आयुष डॉक्टर, पैरामेडिकल, स्टाफ नर्स, एएनएम की तीन महीने कि लिए नियुक्ति की गई थी। नियुक्त किए गए डॉक्टर्स व अन्य स्टॉफ ने कोरोना काल में रात दिन सेवा भाव के साथ अपने कर्तव्य का निर्वहन भी किया। लेकिन राज्य शासन द्वारा उक्त कर्मचारियों को आज तक मानदेय के नाम पर फूटी कौड़ी प्रदान नहीं की गई। इससे उनमें रोष व्याप्त है।
ज्ञापन सौंपते कोविड-19 मेडिकल स्टॉफ
बकाया मानदेय का भुगतान कराने की मांग को लेकर आयुष चिकित्सकों के प्रतिनिधिमंडल ने सीधी विधायक केदारनाथ शुक्ल, कलेक्टर तथा स्वास्थ्य विभाग के सीएमएचओ से मिल कर ज्ञापन सौंपा। सभी के द्वारा तुरंत मांगों को पूरा करने का विश्वास दिलाया गया है। विधायक केदारनाथ शुक्ला ने कहा कि आप लोगों की मांग जायज है और आप लोग इस पूरे महामारी में जिस तरह देश समाज की सेवा कर रहे हैं हम आप सब का सम्मान करते हैं और आप सब की मांगों का तुरंत निराकरण करने का विश्वास दिलाते हैं।
इस संबंध में संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष राजीव गौतम ने कहा इनकी मांगे जायज हैं, अगर इनकी मांग सही समय पर नहीं पूरी होती है तो संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ मिलकर उनका सहयोग करेंगे। कोरोना जैसी महामारी में जान जोखिम में डालकर अगर हम लोग कोरोना मुक्त करने का संकल्प लिया है तो शासन को भी हम लोगों का ध्यान रखना चाहिए, सिर्फ घोंषणा ही नहीं आदेश होना चाहिए और हम सबको अपना अधिकार लेने का हक बनता है। अगर शासन सही समय पर मांग पूरी नहीं करता है तो हम लोग निश्चित ही धरना देने पर मजबूर होंगे, जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन प्रशासन की होगी।
ज्ञापन सौंपने वालों में मुख्य रूप से डॉक्टर सत्यम पांडेय, डॉ.रुचि शुक्ला, डॉ.संजीव गौतम, डॉ.मनोज सिंह परिहार, डॉ.केपी सिंह, विवेक तिवारी, डॉ.रविशंकर शुक्ला आदि मौजूद रहे।

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