तो…बच जाती फसल
इसकी चपेट में मिंजाई के लिए रखी फसलें भी आ गईं। देखते ही देखते करीब 10 एकड़ की फसल खाक हो गई। हालांकि, फसल बचाने के लिए ग्रामीणों ने काफी मशक्कत की, लेकिन असफल रहे। घटना अमिलिया थाना से करीब 1 किमी दूर की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि अमिलिया थाने में एक भी फायर ब्रिगेड होता तो फसल को जलने से बचा लिया जाता। आगजनी की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी अमिलिया दीपक सिंह बघेल भी मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन फायर ब्रिगेड न होने से आग पर काबू पाने में समस्या होती है।
इसकी चपेट में मिंजाई के लिए रखी फसलें भी आ गईं। देखते ही देखते करीब 10 एकड़ की फसल खाक हो गई। हालांकि, फसल बचाने के लिए ग्रामीणों ने काफी मशक्कत की, लेकिन असफल रहे। घटना अमिलिया थाना से करीब 1 किमी दूर की है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि अमिलिया थाने में एक भी फायर ब्रिगेड होता तो फसल को जलने से बचा लिया जाता। आगजनी की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी अमिलिया दीपक सिंह बघेल भी मौके पर पहुंच गए थे, लेकिन फायर ब्रिगेड न होने से आग पर काबू पाने में समस्या होती है।
दो तहसीलों में एक भी फायर ब्रिगेड नहीं
बहरी एवं सिहावल तहसील क्षेत्र को मिलाकर एक भी फायर ब्रिगेड नहीं है। जबकि, क्षेत्र में आगजनी की आए दिन घटनाएं हो रही हैं। किसानों की गाढ़ी कमाई आग से जलकर खाक हो रही है। गर्मी की शुरुआत से ही सिलसिला जारी है। करीब एक दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें किसानों की लाखों रुपए की फसलें खाक हो चुकी हैं। कुछ घटनाओं में जिला मुख्यालय से फायर ब्रिगेड भेजा भी गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फायर ब्रिगेड जब तक पहुंचा फसलें जलकर खाक हो गईं। ऐसी स्थिति हर वर्ष बनती है, बावजूद प्रशासन की ओर से क्षेत्र में फायर ब्रिगेड की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
बहरी एवं सिहावल तहसील क्षेत्र को मिलाकर एक भी फायर ब्रिगेड नहीं है। जबकि, क्षेत्र में आगजनी की आए दिन घटनाएं हो रही हैं। किसानों की गाढ़ी कमाई आग से जलकर खाक हो रही है। गर्मी की शुरुआत से ही सिलसिला जारी है। करीब एक दर्जन से अधिक घटनाएं हो चुकी हैं। इसमें किसानों की लाखों रुपए की फसलें खाक हो चुकी हैं। कुछ घटनाओं में जिला मुख्यालय से फायर ब्रिगेड भेजा भी गया, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। फायर ब्रिगेड जब तक पहुंचा फसलें जलकर खाक हो गईं। ऐसी स्थिति हर वर्ष बनती है, बावजूद प्रशासन की ओर से क्षेत्र में फायर ब्रिगेड की व्यवस्था नहीं की जा रही है।
लगातार हो रही आगजनी की घटनाएं
20 अप्रैल को भी नौगवां में खलिहान में अचानक आग लगने से यहां रखी फसल और रामकृपाल गुप्ता व रामाधार गुप्ता के घर गृहस्थी का सामान जलकर खाक हो गया था। हलांकि सूचना पर आग बुझाने के लिए जिला मुख्यालय से दो फायर ब्रिगेड भेजे गए, लेकिन दूरी ज्यादा होने की वजह से जब तक वे पहुंच पाए, सबकुछ जलकर खाक हो चुका था। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सुपेला में अमरजीत पटेल के खलिहान में आग लग जाने से घर सहित फसल जलकर खाक हो गई थी। इससे पहले भी आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं।
20 अप्रैल को भी नौगवां में खलिहान में अचानक आग लगने से यहां रखी फसल और रामकृपाल गुप्ता व रामाधार गुप्ता के घर गृहस्थी का सामान जलकर खाक हो गया था। हलांकि सूचना पर आग बुझाने के लिए जिला मुख्यालय से दो फायर ब्रिगेड भेजे गए, लेकिन दूरी ज्यादा होने की वजह से जब तक वे पहुंच पाए, सबकुछ जलकर खाक हो चुका था। इसी प्रकार ग्राम पंचायत सुपेला में अमरजीत पटेल के खलिहान में आग लग जाने से घर सहित फसल जलकर खाक हो गई थी। इससे पहले भी आगजनी की घटनाएं हो चुकी हैं।
सांसद का गृह क्षेत्र, फिर भी प्रयास नहींं
बतातें चलें कि बहरी तहसील क्षेत्र में सीधी सांसद का गृह क्षेत्र भी है। बावजूद इसके क्षेत्र में फायर ब्रिगेड उपलब्ध कराने की पहल नहीं की जा रही है। इस अनदेखी का खामियाजा क्षेत्र के किसानों को उठाना पड़ता है। फिर भी सत्ताधारी दल के जिम्मेदार नेता इस ओर ध्यान नहीं देते। आए दिन किसानों के खेत में आग की घटनाएं बढ़ रही है। प्रशासन तक बात पहुंचती है तो कागजों में आग पर काबू पाने के इंतजाम दिखाकर मामले से पल्ला झाड़ दिया जाता है।
बतातें चलें कि बहरी तहसील क्षेत्र में सीधी सांसद का गृह क्षेत्र भी है। बावजूद इसके क्षेत्र में फायर ब्रिगेड उपलब्ध कराने की पहल नहीं की जा रही है। इस अनदेखी का खामियाजा क्षेत्र के किसानों को उठाना पड़ता है। फिर भी सत्ताधारी दल के जिम्मेदार नेता इस ओर ध्यान नहीं देते। आए दिन किसानों के खेत में आग की घटनाएं बढ़ रही है। प्रशासन तक बात पहुंचती है तो कागजों में आग पर काबू पाने के इंतजाम दिखाकर मामले से पल्ला झाड़ दिया जाता है।
आग लगने से मेरे खलिहान में मिजाई के लिए रखी गेहूं की फसल जलकर खाक हो गई। आग बुझाने के लिए ग्रामीणों के सहयोग से प्रयास तो काफी किया गया लेकिन आग इतनी तेज थी कि सारे प्रयास नाकाफी दिखे, और देखते ही देखते सारी फसल खाक में तब्दील हो गई। घटना स्थल की दूरी अमिलिया थाना से महज एक किमी थी, यदि थानें में फायर ब्रिगेड उपलब्ध होता तो शायद आग पर समय रहते काबू पा लिया जाता और फसल को बचाया जा सकता था।
पंकज त्रिपाठी, पीडि़त किसान
पंकज त्रिपाठी, पीडि़त किसान