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World No Tobacco Day: MP में तंबाकू सेवन से रोजाना 178 और महीने में 65,000 की हो रही मौत

-2021 के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम, “आज छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध”-कोरोना संक्रमण काल में जिसे त्यागा उसे हमेशा के लिए भूलें
 

सीधीMay 30, 2021 / 08:27 pm

Ajay Chaturvedi

World No Tobacco Day

World No Tobacco Day

सीधी. World No Tobacco Day: पर चिकित्सकों की सलाह है कि 2021 के लिए विश्व स्वास्थ्य संगठन की थीम को अपनाएं और “आज छोड़ने के लिए प्रतिबद्ध” को अमल में लाएं। इसके तहत देश के हर नागरिकों को सलाह दी जा रही है कि जिन्होंने कोरोना काल में इसे त्याग दिया है, वो हमेशा के लिए इस भूल जाएं। इस संबंध में मध्य प्रदेश को लेकर जो आंकड़े पेश किए जा रहे हैं उसके तहत 1.20 लाख बच्चे प्रति वर्ष और 330 बच्चे प्रतिदिन तंबाकू सेवन शुरू करते हैं। वहीं 65,000 लोगों की प्रति वर्ष तथा 178 लोगों की प्रति दिन मौत हो जाती है।
विशेषज्ञों के अनुसार तंबाकू सेवन से कई गंभीर बीमारियो से पीड़ित होने का खतरा बना रहता है। मसलन, शरीर के विभिन्न अंगों में कैंसर नाक, ओंठ, गला, जीभ, मुख, सांस की नली, फेफड़ा, ब्रान्काइटिस, दमा, इन्फाइसीमा, टीबी, फेफड़ा कैंसर, डायबिटीज, लकवा, बहरापन, गठिया बात, नपुंसकता, पेट के अल्सर, मुह में घाव व न भरने वाला छाला, नेत्रों में मोतिया बिंद, द्वष्टिहीनता, सूघनें व स्वाद की क्षमता समाप्त होना, पीला दांत, डेंटल कैरीज व मुह में बदबू होना, गर्भावस्था एबार्शन, समय से पूर्व प्रसव व नवजात शिशु का कम बजन होना।
जानकारों के अनुसार प्रतिदिन केवल एक सिगरेट पीने से अन्य की तुलना में हृदय रोग व लकवा की आशंका क्रमशः 74 प्रतिशत व 30 प्रतिशत ज्यादा होती है। हैवी स्मोकर वे कहलाते हैं जो प्रतिदिन 25 से ज्यादा सिगरेट पीते हैं। धूम्रपान का सेवन बंद करनें पर उनके स्वास्थ्य में गुणात्मक बेहतर परिवर्तन होते हैं। सूंघने व स्वाद के लक्षण, सांस लेनें की क्षमता बेहतर हो जाती है व हार्ट अटैक, फेफडे के कैंसर, की संभावना कम होनें के साथ जीनें की क्षमता धूम्रपान न करनें वालों के समतुल्य हो जाती है।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ बीएल मिश्रा के अनुसार अप्रैल 2003 में तंबाकू नियंत्रण कानून बना जबकि सिगरेट और अन्य तंबाकू उत्पाद अधिनियम 2003 लाया गया जिसे कोटपा 2003 के नाम से भी जाना जाता है। इसे कानूनी रूप दिया गया, जिसके अंतर्गत सार्वजनिक स्थलों में धूम्रपान पर प्रतिबंध, सिगरेट व अन्य उत्पाद के विज्ञापन पर रोक, 18 वर्ष से कम आयु के बच्चों को बिक्री पर रोक, विद्यालयों के 100 गज की परिधि में तंबाकू बिक्री पर रोक, तंबाकू के पैकेट पर सचित्र वैधानिक चेतावनी दिखाना है। जिला स्तर पर कलेक्टर के मार्गदर्शन में स्वास्थ्य, शिक्षा, पुलिस, समाजिक न्याय, पंचायत व गैर सरकारी संगठनों के सहयोग से तंबाकू नियंत्रण कार्यक्रम क्रियान्वित किया जा रहा है। हालांकि अभी काफी गुणात्मक सुधार की आवश्यकता है।
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