अधिवक्ताओंं ने अवगत कराया कि घटना में एक दर्जन अधिवक्ता घायल हुए हैं। इनमें गंभीर घायलों का उपचार रीवा में चल रहा है। प्रतिनिधि मंडल में जिला अधिवक्ता संघ के सचिव उमेश तिवारी, वरिष्ट अधिवक्ता चंद्रमोहन गुप्ता, राजेंद्र सिंह, रामपाल तिवारी, विनोद वर्मा , पंकज पांडेय शामिल रहे।
इधर जिला अधिवक्ता संघ द्वारा लाठी चार्ज के विरोध में न्यायालयीन कार्य से विरत रहने की हड़ताल जारी है। अब तक 14 अप्रैल तक ही न्यायालयीन कार्य से विरत रहने की हड़ताल निर्धारित थी, लेकिन शुक्रवार को जिला अधिवक्ता संघ की आयोजित बैठक में हड़ताल को आगे बढ़ाते हुए 17 अप्रैल तक निर्धारित कर दिया गया है।
हाईकोर्ट ने लाठीचार्ज मामले को गंभीरता से लिया है। जिला अधिवक्ता संघ द्वारा भेजी गई जानकारी के बाद मुख्य न्यायाधीश ने डीजीपी को पत्र लिखकर एडिशनल एसपी सहित चार पुलिस अफसरों को निलंबित करने की सिफारिश की है। इसमें कोतवाली टीआई अनिल उपाध्याय, जमोड़ी चौकी प्रभारी आरपी त्रिपाठी व एसआई दीपक बाघेल के नाम शामिल हैं। एएसपी को पीएचक्यू अटैच करने को कहा। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश की ओर से रजिस्टार कम पीपीएस यूएस दुबे ने शुक्रवार को डीजीपी को लिखे पत्र में कहा, 10 अप्रैल को सीधी पुलिस द्वारा किए गए लाठीचार्ज से अधिवक्ताओं को काफी तकलीफ हुई है।
अधिवक्ता संघ ने 12 अप्रैल को भेजे पत्र में पूरे मामले की हाईकोर्ट के जज से न्यायिक जांच की मांग की है। इसके साथ ही एएसपी शेंडे के निलंबन व उनके पीएचक्यू भोपाल में अटैच करने की मांग की है। इतना ही नहीं उपरोक्त पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध आपराधिक मामला दर्ज किए जाने की भी मांग की गई है। दुबे ने डीजीपी को लिखे पत्र में बताया, मुख्य न्यायाधीश ने उन्हें सीधे तौर पर अधिवक्ता संघ के आवेदन को भेजकर आवश्यक कार्रवाई और तीन माह के भीतर रिपोर्ट देने को कहा है।