संजय टाइगर रिजर्व क्षेत्र के नाइट सफारी के लिए विभाग शिद्दत से जुटा है। बफर जोन में सफारी के लिए स्थान चिन्हित कर लिया गया है। इसमें ऐसे स्थानों को प्राथमिकता दी गई है जहां जंगली जानवरों का आना- जाना बराबर बना रहता है। इसमें व्यौहारी, मड़वास, टमसार क्षेत्र के अलावा करवाही और बेलहाडेम, गिद्घा पहाड़ का क्षेत्र प्रमुख हैं।
संजय टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी के लिए पर्यटक एडवांस बुकिंग कर सकेंगे, ताकि उन्हें नाइट सफारी के लिए इंतजार न करना पड़े। हालांकि अभी पर्यटकों को आनलाइन बुकिंग की भी सुविधा नहीं दी गई है। फिर भी वो अग्रिम बुकिंग के जरिए पर्यटक शाम छह से रात नौ बजे तक 25 से 30 किलोमीटर एरिया घूम सकेंगे।
बता दें कि सफेद बाघों में सबसे पहला बाघ मोहन संजय टाइगर रिजर्व के पनखोरा क्षेत्र में पाया गया था। बाघों के साथ रिजर्व क्षेत्र में भालू, चीतल, नीलगाय, चिंकारा, सांवर, तेंदुआ, जंगली बिल्ली, हाइना, शाही, गीदड़, लोमड़ी, भेड़िया, पाइथन, चौसिंघा और बार्किंग डीयर पाए जाते हैं।
संजय टाइगर रिजर्व में नाइट सफारी शुरू होने से जोवा रेलवे स्टेशन के साथ मझौली क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ेंगे। माना जा रहा है कि नाइट सफारी शुरू होने से पर्यटकों संख्या बढेगी। दरअसल हाल ही में बांधवगढ; में नाइट सफारी शुरू किया गया है। इसके बाद संजय टाइगर रिजर्व में यह व्यवस्था शुरू की जा रही है।
“नाइट सफारी शुरू करने के लिए सर्वे का काम किया जा चुका है। विभागीय प्रक्रिया पूरी होने के बाद नाइट सफारी शुरू की जाएगी।”-जया पांडेय, सहायक संचालक संजय टाइगर रिजर्व सीधी