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मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना में फर्जीवाड़ा: बुजुर्ग दरकिनार, जनप्रतिनिधि और चहेतों को भेजा जा रहा तीर्थदर्शन यात्रा पर

पड़ैनिया से भेजे २६ लोग, महज तीन ही 60 पार

सीधीSep 19, 2019 / 06:24 pm

Anil singh kushwah

Fraud in the Chief Minister's pilgrimage scheme

Fraud in the Chief Minister’s pilgrimage scheme

सीधी. प्रदेश सरकार ने सरकारी खर्च पर बुजुर्गों को तीर्थदर्शन कराने के लिए मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना शुरू की है। इसके तहत 60 वर्ष की उम्र पार बुजुर्ग मुफ्त में तीर्थ स्थलों का दर्शन कर सकते हैं। जिले में यह योजना फर्जीवाड़े की भेंट चढ़ गई। यहां आयकरदाता, युवाओं और नेताओं को तीर्थदर्शन कराया जा रहा है। बताया गया, तीर्थदर्शन योजना के तहत द्वारिकापुरी की यात्रा के लिए १५ सितंबर को जिले से १७५ यात्रियों को भेजा गया है।
अधिकारियों की मिलीभगत
यह यात्रा 20 सितंबर को लौटेगी। लेकिन, अधिकारियों की मिलीभगत के चलते इस बार बुजुर्गों के साथ-साथ जनप्रतिनिधि और उनका परिवार भी यात्रा पर गया है। अधिकारियों ने जनपद पंचायत अध्यक्ष सीधी शकुंतला सिंह परिहार के परिवार और उनके गांव गृह पंचायत पड़ैनिया पर जमकर कृपा बरसाई है। यही कारण है कि द्वारिकापुरी की यात्रा पर जनपद पंचायत अध्यक्ष शकुंतला सिंह परिहार और उनके पति विधायक प्रतिनिधि धर्मेंद सिंह परिहार, परिवार के फणिंद्र सिंह परिहार, सुशीला परिहार, मनोज परिहार, सत्यप्रसाद परिहार, कल्पना परिहार, चंद्रकली परिहार, राजेश्वरी परिहार, रेनू सिंह, सरपंच पड़ैनिया विनोद सिंह परिहार, प्रिया परिहार, अमर सिंह सहित दर्जनों लोगों को द्वारिकापुरी तीर्थदर्शन के लिए भेजा गया है।
पड़ैनिया से भेजे २६ लोग, महज तीन ही लोग 60 पार
तीर्थदर्शन योजना के तहत पात्र बुजुर्ग यात्रियों का चयन लॉटरी के माध्यम से होता है। लेकिन, जिले के अधिकारियों ने लॉटरी निकालने में भी जमकर खेल किया। अध्यक्ष के परिवार और गांव पर जमकर कृपा बरसाई। यही कारण रहा कि जनपद पंचायत सीधी की अध्यक्ष और उनकी गृह पंचायत पड़ैनिया से करीब २६ लोगों का यात्रा के लिए चयन किया गया। खास बात यह रही कि महज तीन लोगों को छोड़ दिया जाए जो शेष ६० वर्ष से नीचे हैं। ऐसे में लॉटरी पर भी सवाल उठ रहे हैं।
क्या है नियम
मुख्यमंत्री तीर्थदर्शन योजना नियम 2012 के अंतर्गत मप्र के वरिष्ठ नागरिकों जो 60 वर्ष या अधिक आयु के बुजुर्ग, महिलाओं के लिए मामले में 2 वर्ष की छूट जो आयकरदाता नहीं हैं को तीर्थ स्थानों की यात्रा कराने के लिए मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना परिकल्पित की गई है।
नहीं मिलता लाभ
जिन जनप्रतिनिधियों को पात्र हितग्राहियों का चयन कर उन्हें तीर्थदर्शन के लिए भेजना चाहिए था, वे खुद अपने नाम का अनुमोदन कराकर तीर्थयात्री बन चुके हैं। यहां तक कि अपने चहेतों को दर्शन कराने व राजनीतिक लाभ उठाने के लिए एक ही पंचायत के दर्जनों लोगों का नाम चयन कर तीर्थदर्शन के लिए रवाना कर दिया गया है। इसमें जिम्मेदार अधिकारियों की भूमिका संदिग्ध बनी है। वहीं कई बार ऐसे बुजुर्ग सामने आए जो तीर्थदर्शन यात्रा के लिए फार्म तो डालते हैं, लेकिन उनका नाम नहीं आता है।
द्वारिकापुरी के लिए रवाना हुई है यात्रा
यह तीर्थदर्शन यात्रा पांच दिवसीय है। 15 से लेकर 20 सितंबर तक के लिए तीर्थदर्शन यात्रा द्वारिकापुरी के लिए रवाना हो चुकी है जिसमें पात्रों की जगह अपात्रों को यात्रा के लिए भेजा गया है। इधर अपर कलेक्टर डीपी वर्मन ने कहा कि 60 और 58 वर्ष की उम्र पार करने पर वृद्धों व महिलाओं के लिए तीर्थदर्शन योजना के तहत भ्रमण कराने का प्रावधान है। अनियमितता संबंधी जानकारी की जांच कराई जाएगी।

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