वाहनों की पूजा
दीपावली के अवसर पर घरों में गणेश लक्ष्मी के साथ ही वाहन संचालकों द्वारा वाहनों की भी लक्ष्मी का रूप मानकर विधिवत पूजा-अर्चना की गई। शुभ मुहुर्त में पूजा-अर्चना को लेकर पुरोहितों की काफी मांग रही। शुभ मुहुर्त का समय सीमित होने के कारण पुरोहितों ने कम समय में कई जगह पूजा-अर्चना के कार्यक्रम संपन्न कराए।
दीपावली के अवसर पर घरों में गणेश लक्ष्मी के साथ ही वाहन संचालकों द्वारा वाहनों की भी लक्ष्मी का रूप मानकर विधिवत पूजा-अर्चना की गई। शुभ मुहुर्त में पूजा-अर्चना को लेकर पुरोहितों की काफी मांग रही। शुभ मुहुर्त का समय सीमित होने के कारण पुरोहितों ने कम समय में कई जगह पूजा-अर्चना के कार्यक्रम संपन्न कराए।
रामजानकी मंदिर में अन्नपूर्णा कार्यक्रम
ग्राम गाड़ा स्थित रामजानकी मंदिर में गुरुवार को अन्नपूर्णा कार्यक्रम हुआ। गुरूभाइयों ने भगवान श्रीराम जानकी की आकर्षक झांकी सजाई। इसका संगीतमय वर्णन किया गया। इस दौरान भगवान को ५६ भोग लगाए गए। मान्यता है कि भगवान राम 14 वर्ष का वनवास कंदमूल फ ल खाकर व्यतीत किए थे। दीपावली के दिन आयोध्या में उनकी वापसी हुई थी और दूसरे दिन उन्होंने 14 वर्ष बाद अन्न ग्रहण किए थे तब से इस दिन को अन्नकूट-अन्नपूर्णा का दिन कहा जाता है।
ग्राम गाड़ा स्थित रामजानकी मंदिर में गुरुवार को अन्नपूर्णा कार्यक्रम हुआ। गुरूभाइयों ने भगवान श्रीराम जानकी की आकर्षक झांकी सजाई। इसका संगीतमय वर्णन किया गया। इस दौरान भगवान को ५६ भोग लगाए गए। मान्यता है कि भगवान राम 14 वर्ष का वनवास कंदमूल फ ल खाकर व्यतीत किए थे। दीपावली के दिन आयोध्या में उनकी वापसी हुई थी और दूसरे दिन उन्होंने 14 वर्ष बाद अन्न ग्रहण किए थे तब से इस दिन को अन्नकूट-अन्नपूर्णा का दिन कहा जाता है।
भगवान को चढ़ाया छप्पनभोग
ज्ञात हो कि इस दिन अन्नदेवता की भी पूजा की जाती है। रामजानकी मंदिर में भगवान को छप्पन भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया गया। भंडारे में शहर सहित आस-पास के ग्रामीण अंचलों के सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर के महंत सीतारमण दास ने अन्नपूर्णा दिन के भंडारे के महत्व को बताते हुए कहा कि अन्नकूट का भंडारा मानव जीवन को सुख समृद्धि प्रदान करता है। आयोजन झगरहा निवासी रोहिणी प्रसाद पांडेय द्वारा किया गया।
ज्ञात हो कि इस दिन अन्नदेवता की भी पूजा की जाती है। रामजानकी मंदिर में भगवान को छप्पन भोग लगाकर प्रसाद वितरित किया गया। भंडारे में शहर सहित आस-पास के ग्रामीण अंचलों के सैकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। मंदिर के महंत सीतारमण दास ने अन्नपूर्णा दिन के भंडारे के महत्व को बताते हुए कहा कि अन्नकूट का भंडारा मानव जीवन को सुख समृद्धि प्रदान करता है। आयोजन झगरहा निवासी रोहिणी प्रसाद पांडेय द्वारा किया गया।