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MP Election 2018: सर्वाधिक मत देेकर भी उपेक्षित महसूस कर रहे सुपेलावासी, विकास फिर भी मुद्दा नहीं

सिहावल विधानसभा क्षेत्र: भाजपा-कांग्रेस की सबसे बड़ी जीत वाले बूथों की ग्राउंड रिपोर्ट

सीधीSep 15, 2018 / 12:19 pm

suresh mishra

assembly election 2018

bjp congress

सीधी। गत विधानसभा चुनाव में सिहावल सीट से भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशी सुपेला नाम के दो अलग-अलग गांवों से आमने-सामने थे। दोनों को गृहक्षेत्र में सर्वाधिक मत मिले, लेकिन वे जनता की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर पाए। हालांकि, ग्रामीण फिर भी उनका खुलकर विरोध नहीं कर पा रहे। वे छोटे-छोटे कार्य को भी बड़ी उपलब्धि बताते हैं। विधायक कमलेश्वर पटेल के गांव सुपेला में आज भी सड़क का अभाव है तो भाजपा प्रत्याशी विश्वामित्र पाठक के गांव में बिजली पानी की समस्या बरकरार है।
भाजपा से नाराजगी

कांग्रेस के लोगों का कहना है, विपक्ष का विधायक होने के कारण सरकार सिहावल क्षेत्र का विकास नहीं कर रही। वहीं 2013 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी रहे विश्वामित्र पाठक से भी मतदाता खुश नहीं है। शिकायत है, भाजपा की सरकार होने के कारण पाठक विकास कार्य करा सकते थे, किंतु शांत बैठे रहे। एट्रोसिटी एक्ट को लेकर भी भाजपा से नाराजगी है।
चुनावी समीकरण प्रभावित

मतदाता विकास से अधिक जाति व परिवार को महत्व दे रहे हैं। कांग्रेस विधायक ने भाजपा को मिले ज्यादा वोट वाले बूथों पर ध्यान नहीं दिया। इस बार भी काम नहीं, क्षेत्रीयता, जातिगत व परिवारवाद पर नेता चुनने की तैयारी है। एससीएसटी एक्ट का विवाद भी चुनावी समीकरण प्रभावित कर सकता है।
विधायक के गृह ग्राम में नहीं बन पाई सड़क
विधायक पटेल को गृह ग्राम सुपेला में सर्वाधिक वोट मिले थे। इसके बाद भी वहां हालात पूर्ववत हैं। हिनौती बाजार से सुपेला तक की सड़क आज भी पगडंडी है। पांच वर्ष पूर्व भी यही स्थिति थी। आरोप है कि इसके लिए प्रयास ही नहीं किए गए। दरअसल, जहां सड़क निर्माण होना है, वहां अतिक्रमण है। हटाए जाने पर विरोध हो सकता है। जिस कारण विधायक ने भी रुचि नहीं ली। तालाब का जीर्णोद्धार न होने से भी लोगों में नाराजगी है।
पूर्व विधायक के गांव में बिजली-पानी का संकट
भाजपा प्रत्याशी व पूर्व विधायक पाठक को भी गृह पोलिंग सुपेला देवसर में सर्वाधिक मत मिले थे। फिर भी ग्रामीण समस्याओं से जूझ रहे हैं। अटल ज्योति योजना के नाम पर 24 घंटे बिजली का दावा किया गया, लेकिन ग्रामीण मनमानी कटौती से परेशान हैं। बताया, 24में सिर्फ 10-11 घंटे ही बिजली मिल पा रही है। पेयजल समस्या भी है। नल जल योजना की मांग यहां अर्से से की जा रही है। स्कूल तो है, लेकिन पर्याप्त शिक्षक नहीं है।
कांग्रेस विधायक हमेशा उपलब्ध रहते हैं। समस्याओं को लेकर प्रशासन से बात करते हैं। उन पर विधानसभा में अक्सर प्रश्न उठाते रहते हैं। इसलिए, हम उन्हें वोट देते हैं।
सौखीलाल पटेल, निवासी, सुपेला

मैं सिहावल विधायक के कार्य से संतुष्ट हूं। वे सरलता और सहजता से काम करते हैं। उनके पास काम के लिए जाने से हिचक नहीं होती है। इसलिए हम उन्हें ही वोट देते हैं।
संत पटेल, निवासी, सुपेला
सुपेला के लिए सिहावल विधायक कमलेश्वर पटेल ने विधायक मद से विकास कार्य कराए हैं। लेकिन गांव कांग्रेस का गढ़ होने के कारण सरकार ने विकास के लिए बजट नहीं दिया। यदि कांग्रेस की सरकार होती तो विधायक और भी अधिक विकास कर सकते थे।
राजनारायण पटेल, सुपेला
पूर्व विधायक की स्थिति वैसे भी अच्छी नहीं थी। सरकार द्वारा लाए गए एससीएसटी एक्ट का खमियाजा भी भाजपा को भुगतना पड़ेगा। कांग्रेस विधायक की स्थिति भी दयनीय है। पांच वर्ष में चंद कार्यकर्ताओं से घिरे रहे।
अजय तिवारी, सुपेला देवसर
2013 में भाजपा प्रत्याशी रहे विश्वामित्र पाठक से असंतुष्ट हूं। जनता को सेवा करने वाला नेता चाहिए। किंतु वे खुद सेवा कराना चाहते हैं। भाजपा ईमानदार युवा को टिकट देती है तो जीतेगी।
दिलीप पांडेय, सुपेला देवसर
सरकार द्वारा एससीएसटी एक्ट में किए गए बदलाव को लेकर सामान्य, पिछड़ा और अल्पसंख्यक वर्ग में आक्रोश है। जिसका खमियाजा आने वाले चुनाव में भाजपा को भुगतना पड़ेगा।
बीपेंद्र सिंह, सुपेला देवसर

2013 के चुनाव में मिले थे सर्वाधिक मत
– बूथ क्रमांक-71
– मतदान केंद्र हायर सेकंडरी स्कूल सुपेला
– कांग्रेस को मिले वोट 1057
– कुल पड़े वोट 1103
– बूथ क्रमांक 79
– मतदान केंद्र प्राथमिक पाठ शाला सुपेला
– भाजपा को मिले वोट 461
– कुल पड़े वोट 932

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