उन्होंने कहा कि अगर आज की तकनीक और जरूरतों के हिसाब से शिक्षण-प्रशिक्षण दिया जाएगा तो युवाओं को रोजगार में परेशानी नहीं आएगी। उन्होंने कहा कि गोविंददास सेक्सरिया प्रौद्योगिकी एवं विज्ञान संस्थान मध्यप्रदेश की सबसे पुरानी संस्था है, जो आज अपने नए स्वरूप में सामने आ रही है। तकनीकी शिक्षा के विस्तार में इनके द्वारा किए जा रहे प्रयास निश्चित ही सफल होंगे। सखलेचा इंदौर में संस्थान द्वारा नई स्टार्ट-अप पॉलिसी एवं नई एजुकेशन पॉलिसी-2020 का विमोचन कर रहे थे।
संस्थान के निदेशक डॉ. राकेश सक्सेना ने इस एजुकेशन व स्टार्ट-अप पॉलिसी के मुख्य घटक और संरचना के संबंध में जानकारी दी। संस्थान के प्रोफेसर डॉ. नीरज जैन ने स्टार्ट-अप पॉलिसी के विभिन्न पक्षों और पूर्व में निर्मित स्टार्ट-अप पॉलिसी के परिवर्तन के बाबत बताया। जैन ने बताया कि संस्थान ने भारत सरकार की इनोवेशन एवं स्टार्ट-अप पॉलिसी के महत्वाकांक्षी कदम के अनुरूप अपने संस्थान की क्षमताओं और सुविधाओं के परिप्रेक्ष्य में अपनी इनोवेशन एवं स्टार्ट-अप पॉलिसी का निर्माण किया है, जिसमें सैद्धांतिक रूप से एनआईएसपी का एडॉप्शन किया गया है।
पॉलिसी में छात्रों एवं फैकल्टी को इनोवेशन एवं स्टार्ट-अप के लिए सम्पूर्ण वातावरण प्रदान करने एवं प्रोत्साहित करने के लिए इक्यूवेशन तथा क्षमता विकास कार्यक्रमों का माइक्रो एक्शन प्लान प्रारूप सुझाया गया है, जो उद्देश्यों के अनुरूप परिणाम आधारित है। मंत्री श्री सखलेचा ने वर्ल्ड बैंक, टेक्यूप के सहयोग से संस्थान में नवीन निर्मित सिस्मोग्राफ आब्जरबेट्री का अनावरण किया। उन्होंने कहा कि इससे इंदौर व प्रदेश के भूकम्प संबंधी डाटा व शोध को नवीन ऊँचाई मिलेगी।