न गड्ढा बनाया, न ही लगाई सीट, केवल दीवाल खड़ी कर आहरित कर ली गई राशि
स्वच्छ भारत अभियान का सच: दो सैकड़ा से अधिक शौंचालयों के अूधरे निर्माण पर आहरित की गई पूरी राशि, रामपुर नैकिन जनपद के ग्राम पंचायत मड़वा का मामला, स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायत के माध्यम से बनवाए गए शौंचालयों का हाल, फर्जी पूर्णता प्रमाण पत्र दिखाकर सरपंच-सचिव द्वारा आहरित कर ली गई राशि
Neither built a pit, nor a seat, only the amount withdrawn by erecting
सीधी/सेमरिया। स्वच्छ भारत अभियान के तहत ग्राम पंचायतों में वर्ष 2017-18 में जिला प्रशासन द्वारा ग्राम पंचायतों के माध्यम से हितग्राहियों के यहां बनवाए गए शौंचालयों में एक बड़ा सच सामने आया है। जिले के जनपद पंचायत रामपुर नैकिन अंतर्गत ग्राम पंचायत मड़वा में स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौंचालय निर्माण में जमकर भर्रेशाही की गई है। यहां करीब दौ सैकड़ा से अधिक हितग्राहियों के शौंचालय निर्माण की राशि का आहरण तो कर लिया गया लेकिन शौंचालय निर्माण नहीं किया गया, या यूं कहें कि शौंचालय का निर्माण आधा अधूरा ही छोड़ दिया गया है।
लोगों की शिकायत पर पत्रिका द्वारा गांव का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लिया गया तो सच चौंकाने वाला था, यहां करीब दो सैकड़ा से अधिक शौंचालय आधे अधूरी स्थिति में मिले, किसी शौंचालय की केवल दीवार खड़ी मिली तो, किसी में गड्ढे ही नहीं बनवाए गए थे, किसी शौंचालय में सीट नहीं लगी मिली तो किसी में दरवाजे ही नहीं लगाए गए थे। हितग्राहियों ने बताया कि शौंचालय निर्माण की पूरी राशि तत्कालीन सरपंच-सचिव द्वारा आहरित कर ली गई है, लेकिन शौंचालय का निर्माण कार्य पूरा नहीं किया गया, जिससे अधूरे शौंचालय कबाड़ की स्थिति में पड़े हुए हैं और इनका उपयोग नहीं हो पा रहा है।
लाखों का किया गया घोटाला-
स्वच्छ भारत अभियान के तहत जनपद पंचायत रामपुर नैकिन के मड़वा ग्राम पंचायत में शौंचालय निर्माण के नाम पर लाखों का घोटाला किया गया है। स्थानीय हितग्राहियों की माने तो यह घोटाला पंचायत के तत्कालीन सचिव मनोज सिंह, वर्तमान सरपंच महरजुआ बैगा तथा उपसरपंच बीरेश सिंह की मिली भगत से किया गया है। ग्रामीण यह भी बताते हैं कि इस घोटाले में सरपंच की उतनी भूमिका नहीं है, क्योंकि बैगा जनजाति की महिला सरपंच होने के कारण वह नाम मात्र की ही सरपंच थी, पूरा काम सचिव मनोज सिंह व उप सरपंच बीरेश सिंह द्वारा किया जाता था, और उन्हीं के द्वारा उक्त घोटाले को अंजाम दिया गया। हितग्राहियों ने इस घोटाले की जांच की मांग करते हुए संबंधितों के विरूद्ध कार्रवाई की भी मांग की है।
मजदूरी तक नहीं दी गई-
हितग्राहियों ने बताया कि शौंचालय निर्माण में हम हितग्राहियों से ही मजदूरी कराई गई थी, और उपसरपंच तथा सचिव द्वारा मजदूरी दिये जाने का वायदा किया गया था, लेकिन उनके द्वारा एक रूपए मजदूरी नहीं दी गई, पहले मजदूरी मांगने पर यह कहा जाता था कि अभी राशि नहीं आई है, बाद में सचिव का तबादला हो गया तो उपसरपंच ने मजदूरी की राशि देने से हांथ खड़े कर दिए।
हितग्राहियों ने सुनाया दर्द-
………हमारी पंचायत में शौंचालय निर्माण के नाम पर जमकर भर्रेशाही की गई है, शौंचालय निर्माण की राशि का आहरण तो कर लिया गया, लेकिन शौंचालय अधूरा छोड़ दिया गया।
अतुल साहू, हितग्राही मड़वा
………हम्रारे गांव में स्वच्छ भारत अभियान के तहत दो सैकड़ा से अधिक शौंचालयों का निर्माण आज भी अधूरा पड़ा है, लेकिन सुनने को मिला है कि पूरी राशि सचिव द्वारा निकाल ली गई है।
राजमणि साहू, हितग्राही मड़वा
………..शौंचालय निर्माण में हितग्राहियों से मजदूरी करवाई गई थी, सचिव द्वारा बोला गया था कि काम की मजदूरी दी जाएगी, लेकिन शौंचालय अधूरा छोड़कर राशि निकाल ली गई, हमे मजदूरी तक नहीं दी गई।
राजभान साहू, हितग्राही मड़वा
……..स्वच्छ भारत अभियान के तहत शौंचालय निर्माण जितना भ्रष्टाचार मड़वा पंचायत में हुआ है, शायद ही जिले के किसी पंंचायत में हुआ होगा, इस भ्रष्टाचार की शिकायतें भी की गई थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई।
रामभान साहू, हितग्राही मड़वा
……….मड़वा के तत्काली सचिव व उपसरपंच काफी दबंग थे, जिसके चलते उनके विरोध में कोई भी खुलकर बोल नहीं पाया, सचिव गड़बड़ी कर यहां से स्थानांतरण करा लिए, शिकायतें भी हुई, लेकिन जांच कार्रवाई नहीं हुई।
राजेश साहू, हितग्राही मड़वा
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