scriptअतिक्रमण हटा तो वास्तविक स्वरूप मेें आई सूखा नदी | Removal of encroachment and dry river in real form | Patrika News
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अतिक्रमण हटा तो वास्तविक स्वरूप मेें आई सूखा नदी

सूखा नदी जीर्णाेद्धार में शुरू हुई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई, कोई घर, कोई मंदिर तो कोई बाउंड्रीवाल बनाकर सूखा नदी की भूमि में किया था अतिक्रमण, अभी हटाए जा रहे छोटे अतिक्रमण, बड़े अतिक्रमणकारियों को स्वयं अतिक्रमण हटाने की दी गई चेतावनी, तीब्र गति से चल रहा सूखा नदी के गहरीकरण एवं अतिक्रमण हटाने का कार्य

सीधीJun 10, 2019 / 09:24 pm

Manoj Kumar Pandey

sidhi news

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सीधी। शहर के बीचोबीच प्रवाहित होने वाली सूखा नदी के जीर्णाेद्धार को लेकर जिला प्रशासन द्वारा जनसहयोग से शुरू किया गया अनवरत रूप से जारी है। सोमवार को तेरहवें दिन भी नदी के गहरीकरण के साथ ही अतिक्रमण को चिन्हांकित करने व अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई जारी रही। अतिक्रमण के कारण संकुचित हो चुकी सूखा नदी के अतिक्रमण को चिन्हित करने के लिए कलेक्टर अभिषेक ङ्क्षसह द्वारा तहसीलदार गोपदबनास लक्ष्मण पटेल के नेतृत्व में एक राजस्व दल का गठन किया गया है। राजस्व दल द्वारा अब तक सूखा नदी में करीब आधा सैकड़ा से अधिक अतिक्रमण चिन्हित किए जा चुके हैं। अतिक्रमण चिन्हांकन के बाद अब अतिक्रमण हटाने की भी कार्रवाई शुरू कर दी गई है। राजस्व अमले की माने तो सूखा नदी की भूमि पर व्यापक पैमाने पर अतिक्रमण किया गया था, जिसके चलते सूखा नदी संकुचित हो चुकी थी, जिसमे कई रसूखदार व्यक्तियों के साथ ही गरीब परिवार के लोग भी शामिल थे। अभी फिलहाल छोटे अतिक्रमणों को हटाने की कार्रवाई शुरू की गई है, जिसमें बाउंड्रीवाल, शौंचालय आदि शामिल थे, इसके साथ ही घर बनाकर किए गए अतिक्रमणकारियों को स्वयं अतिक्रमण हटाने का अल्टीमेटम दिया जा चुका है, साथ ही यह चेतावनी दी गई है कि यदि स्वयं द्वारा अतिक्रमण नहीं हटाया गया तो प्रशासनिक सहयोग से जेसीबी लगाकर अतिक्रमण हटा दिया जाएगा, इस दौरान होने वाली सामग्री आदि के नुकसानी की जिम्मेदारी स्वयं अतिक्रमणकारी की होगी, साथ ही अतिक्रमण हटाने में आने वाला खर्च भी अतिक्रमणकारी से ही वसूला जाएगा। सूखा नदी मेें शुरू हुई अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई से अब नदी अपने वास्तविक स्वरूप में दिखने लगी है, साथ ही गहरीकरण का कार्य होने से नदी में पानी का बहाव भी शुरू हो गया है। कलेक्टर द्वारा शुरू किए गए जनसहयोग से इस कार्य की जमकर सराहना भी हो रही है।
अतिक्रमण के अनोखे तरीके-
आम तौर पर यह धारणा बनी हुई है कि यदि शासकीय भूमि में मंदिर का निर्माण करा दिया जाएगा तो अतिक्रमण नहीं हटाया जाएगा, इससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंच सकती है। इसी मंशा से सूखा नदी के किनारे भी शासकीय भूमि पर मंदिर का निर्माण कर लिया गया था। कलेक्टर द्वारा गठित राजस्व दल द्वारा इसे अतिक्रमण के रूप में चिन्हित तो कर दिया गया लेकिन यह बात चर्चा का विषय बनी हुई थी कि मंदिर निर्माण के रूप में किए गए अतिक्रमण को क्या प्रशासन द्वारा ढहाया जाएगा। लेकिन सोमवार को कॉलेज स्टेडियम मार्ग में सूखा नदी के पुल के किनारे शासकीय भूमि पर बनवाए गए अतिक्रमण को जेसीबी के माध्यम से गिरवाकर सारे कयासों पर विराम लगा दिया गया है। इस कार्रवाई के घर बनाकर सूखा नदी मेें अतिक्रमण करने वाले लोगों के होश उड़ गए हैं।
चिन्हित किया गया चौपाटी स्थल-
कलेक्ट्रेट मार्ग एवं कालेज स्टेडियम मार्ग के बीच सूखा नदी के किनारे मार्ग बनने के बाद बीच में व्यवस्थित चौपाटी स्थल विकसित किया जाएगा। कलेक्टर द्वारा खाली पड़ी भूमि में इसका चिन्हांकन किया जा चुका है। यहां चौपाटी स्थल विकसित होने से शहर में भीड़ का दबाव कम तो होगा ही साथ ही फुटपाथ पर सजने वाले चाट फुल्की के ठेलों से भी निजात मिलेगी। इसके साथ ही चाट फुल्की के ठेलों की वजह से लगने वाले जाम से भी निजात मिलेगी।
इस तरह होगा सौंदर्यीकरण-
कलेक्टर अभिषेक सिंह की माने तो सूखा नदी के गहरीकरण कार्य के बाद नाले के एक किनारे से व्यवस्थित मार्ग बनाया जाएगा, जिसमें बीच-बीच में सीमेंट की कुर्सियां लगवाई जाएंगी। इसके साथ ही आकर्षक लाइटिंग भी कराई जाएगी, ताकि यहां का दृश्य मनोरम हो जाए, और शहर के लोग सुबह-शाम यहां अपने परिवार के साथ समय बिता सके। कलेक्टर अभिषेक ङ्क्षसह ने इस कार्य में शहरवासियों से सहयोग की अपील करते हुए अतिक्रमणकारियों को स्वयं अपने अतिक्रमण हटाकर शहर को व्यवस्थित करने की दिशा में किए जा रहे प्रयाश में सहयोग करने की अपील की है।

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