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उम्मीदों का सफर­: मुफलिसी ने दिखाई जीने की राह

-गृहस्थी का काम करने वाली महिला अब चलाएगी डेयरी उद्योग -आजीविका मिशन के सहयोग से आत्मनिर्भर बनी महिला -घर की दहलीज से निकलकर स्वाबलंबन की ओर अग्रसर होती स्वसहायता समूह की महिलाएं

सीधीJun 24, 2020 / 04:29 pm

Ajay Chaturvedi

आजीविका मिशन से जुड़ कर आत्मनिर्भर हुईं शांति पटेल

आजीविका मिशन से जुड़ कर आत्मनिर्भर हुईं शांति पटेल

सीधी. हौसले अगर बुलंद हो तो रास्ते आसान हो जाते हैं और मंजिल तक पहुंचने में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं आती। गृहस्थी का काम करते हुए घर तक सीमित रहने वाली सिहावल विकासखंड के ग्राम चमरौंहा निवासी शांति पटेल ने कभी नहीं सोचा था कि वह घर की दहलीज पार कर कभी स्वयं का उद्योग स्थापित करते हुए आत्मनिर्भर बनेगी। लेकिन मध्य प्रदेश डे राज्य आजीविका मिशन के सहयोग और प्रोत्साहन से आज उसका स्वयं की डेयरी दुकान हो गई है, अब वह स्वयं के साथ ही समूह की अन्य महिलाओं को भी रोजगार के अवसर प्रदान करते हुए अन्य महिलाओं के लिए प्रेरणा बन गई है।
मध्य प्रदेश डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन विकासखंड सिहावल के सहयोग से स्व-सहायता समूह के माध्यम से गांव की गरीब महिलाएं छोटी-छोटी बचत करने के बाद शासन एवं बैकिंग व्यवस्थाओं से जुड़कर अब आत्मनिर्भरता की ओर आगे बढऩे लगी हैं। समूह से जुड़ी महिलाएं अब न केवल अपने परिवार की मदद कर रही हैं, बल्कि पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर देश को सशक्त भी कर रही हैं। इसी कड़ी मे मप्र डे राज्य ग्रामीण आजीविका मिषन विकासखंड सिहावल मे मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत सीधी एबी सिंह एवं मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सिहावल अशोक तिवारी, जिला परियोजना प्रबंधक संजय चौरसिया जिला सीधी के निर्देशानुसार व जिला मिशन प्रबंधन इकाई जिला सीधी के मार्गदर्शन एवं विकासखंड टीम के प्रयासों से सीता स्व-सहायता समूह ग्राम चमरौंहा (अमिलिया) की शांति पटेल द्वारा दूध डेयरी का कार्य प्रारंभ किया गया है, जिसमे शत-प्रतिशत प्राकृतिक तरीके से समूह की महिलाओं द्वारा निर्मित समस्त प्रकार के दुग्ध उत्पाद रखे जाएंगे। साथ ही बाजार की मांग के आधार पर समूहों द्वारा निर्मित अन्य उत्पाद भी तैयार किएं जाएंगे। इसमे लोंगो के स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाएगा। शांति पटेल द्वारा सिहावल विकासखंड के अमिलिया कस्बा में आजीविका मिशन सिहावल के सहयोग से डेयरी की दुकान का शुभारंभ किया गया, इस डेयरी की दुकान में दूध, दही, मट्टा, पनीर, खोवा, घी आदि सामग्री का विक्रय किया जा रहा है। बाद में मिठाई व नमकीन आदि के उत्पादों के साथ दुकान का विस्तार किए जाने की योजना है।
समूह की नकद साख सीमा एवं सामुदायिक निवेश निधि के माध्यम से समूह सदस्य शांति पटेल ने 50,000 रुपये का ऋण लेकर गतिविधि प्रारंभ की है, जिसे भविष्य मे ओर विस्तार दिया जाएगा। डेयरी के उद्घाटन अवसर पर जनपद अध्यक्ष सिहावल श्रीमान सिंह, आजीविका मिषन विकासखंड सिहावल से राजेश सिंह, अशोक पांडेय, अखिलेश त्रिपाठी, सुशील त्रिपाठी, सुंदररलाल तिवारी, विनोद कुशवाहा स्वयं सहायता सहित समूह से जुड़ी महिलाएं एवं अमिलिया के ग्रामीण जन उपस्थित रहे। इस अवसर पर जनपद अध्यक्ष द्वारा सुद्धता का विशेष ध्यान रखने एवं समूहों द्वारा की जा रही गतिविधियों की सराहना की व समूहों के माध्यम से ज्यादा से ज्यादा समूहों की महिलाओं को आय अर्जन गतिविधियों से जोडऩे की सलाह दी।
शांति पटेल ने कहा कि माह मई 2016 में स्व-सहायता समूह से जुडऩे के पहले व केवल घर गृहस्थी तक ही सीमित थी, परिवार का खर्चा चलाना मुस्किल हो रहा था। लेकिन आजीविका मिषन से जुडऩे के बाद परिवार की स्थिति में बदलाव होना शुरू हुआ, शांति ने कहा कि उसने कभी नहीं सोचा था कि कभी उसकी स्वयं की कोई दुकान होगी। लेकिन आजीविका मिशन के कर्मचारियों ने हौसले बढ़ाने के साथ ही ऋण उपलब्धता को भी आसान बना दिया, जिससे आज मेरी स्वयं की डेयरी दुकान है। उन्होंने कहा कि महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में आजीविका मिषन रीढ़ की हड्डी का काम कर रहा है, आजीविका मिशन से जुड़कर गरीब महिला स्वयं तो मजूबूत व आत्मनिर्भर बन ही रही हैं, साथ ही परिवार को आर्थिक रूप से मजबूत करते हुए समूह व गांव की अन्य महिलाओं को रोजगार के अवसर प्रदान कर रही हैं।

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