हलांकि दुकान संचालक इस बात से साफ इंकार करते हैं कि हमारे द्वारा किसी कर्मचारी को किराया दिया जाता है, लेकिन वह नपा के बजाए कर्मचारियों को किराया देने से मनाही इसलिए कर रहे हैं क्योंकि यदि यह बात सामने आ गई तो उनके हांथों से दुकान निकल जाएगी। लेकिन कर्मचारियों की इस मानमानी से नपा को राजस्व हानि हो रही है।
नपा अंतर्गत नपा द्वारा बनवाई गई दुकाने चाहे वह शॉपिंग काम्प्लेक्स की हों या फिर अन्य, बगैर निविदा के किसी को भी उपलब्ध नहीं कराई जा सकती हैं। लेकिन नपा कर्मचारियों की शह पर कई ऐसे दुकाने हैं जिसमें सोनांचल बस स्टैंड की दुकानें भी शामिल हैं को बगैर नीलामी प्रक्रिया के ही उपलब्ध करा दिया गया है, जिसके एवज में सुविधा शुल्क ली जा रही है।
सोनांचल बस स्टैंड परिसर में दुकानों के आवंटन को लेकर वर्षों से मनमानी चल रही है। परिसर के अंदर भी कई स्थानों पर व्यापारियों से सुविधा शुल्क लेकर दुकान सजाने के लिए स्थान का निर्धारण कर दिया गया है। उक्त स्थलों पर इन व्यापारियों के अलावा अन्य फुटपाथी व्यापारी अपनी दुकान नहीं सजा सकता। हलांकि इन फुटपाथी व्यापारियों द्वारा बाजार बैठकी तो दी जाती है, लेकिन मनचाहे स्थान के लिए ये कर्मचारियों को अलग से सुविधा शुल्क अदा करते हैं। सूत्रों की बात माने तो सोनांचल बस स्टैंड में शाम को नपा के कुछ कर्मचारियों का जमावड़ा भी लगता है, जो दो से तीन घंटे तक यहीं चाय-नाश्ता उड़ाते हैं, जिसकी खर्च अदायगी यही दुकानदार उठाते हैं।
नपा द्वारा आवंटित कराई गई दुकान में संबंधित व्यापारियों द्वारा किसी प्रकार की तोड़ फोड़ व स्वरूप परिवर्तन नहीं किया जा सकता, लेकिन सोनांचल बस स्टैंड सहित शहर के अन्य शॉपिंग काम्प्लेक्स की कई दुकानों में व्यापारियों द्वारा तोड़ फोड़ कर स्वरूप में परिवर्तन करते हुए दुकान का संचालन किया जा रहा है, जबकि नपा के जिम्मेदार कर्मचारियों को इसकी जानकारी होने के बाद भी वह कार्रवाई के बजाए चुप्पी साधे हुए हैं।