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जर्जर सड़क को लेकर तहसील कार्यालय घेरने पहुंचे ग्रामीण

locationसीधीPublished: Oct 16, 2019 12:24:57 pm

Submitted by:

Manoj Kumar Pandey

एक दशक से भी ज्यादा समय से जर्जर हैं गिजवार अंचल की खबरें, कई बार गुहार लगाने के बाद भी नहीं सुधार हुआ तो सड़क पर उतरे ग्रामीण, युवा एकता मंच गिजवार के बैनर तले किया गया किया धरना प्रदर्शन, सांसद, विधायक व जिला पंचायत अध्यक्ष के नैतिक जिम्मेवारी पर उठाए सवाल

Villagers came to besiege the tehsil office on a dilapidated road

Villagers came to besiege the tehsil office on a dilapidated road

सीधी/मझौली। जनपद क्षेत्र मझौली अंतर्गत गिजवार अंचल के विभिन्न सड़कों के खस्ताहाल को लेकर सोमवार को युवा एकता मंच के बैनर तले तहसील कार्यालय मझौली के सामने धरना प्रदर्शन किया गया। धरना प्रदर्शन के उपरांत मांगों को लेकर एसडीएम मझौली को ज्ञापन सौंपा गया। बता दें कि गत 25 सितंबर को युवा एकता मंच गिजवार के द्वारा उपखंड अधिकारी मझौली को ज्ञापन सौंपा गया था, जिसमें आगाह किया गया था कि 1 सप्ताह के अंदर सड़कों के मरम्मत का कार्य नहीं होता है तो उपखंड अधिकारी कार्यालय का घेराव व धरना प्रदर्शन किया जाएगा।
निर्धारित समय सीमा बीत जाने पर गत 9 अक्टूबर को पुन: मुख्यमंत्री मध्यप्रदेश शासन के नाम उपखंड अधिकारी मझौली को ज्ञापन सौंपा गया, जिसमें कहा गया कि 14 अक्टूबर को उपखंड कार्यालय का घेराव और धरना प्रदर्शन किया जाएगा। जिसके तारतम्य में मुख्यालय के सामने युवा एकता मंच की गिजवार के तत्वाधान में धरना प्रदर्शन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि टोंको, रोको, ठोंको क्रांतिकारी मोर्चा के संयोजक उमेश तिवारी रहे। अध्यक्षता कृष्णपाल सिंह मोनू अध्यक्ष युवा एकता मंच गिजवार के द्वारा की गई। विशिष्ट अतिथि के रूप में अशोक सिंह पैगाम जिला पंचायत सदस्य जिला सिंगरौली उपस्थित रहे।
मुख्य अतिथि द्वारा गिजवार अंचल के खस्ताहाल सड़कों के लिए पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार व खंड प्रशासन को दोषी ठहराया। वहीं वर्तमान प्रदेश सरकार को भी आड़े हाथों लेते हुए कहा गया कि सड़क जैसी मूलभूत सुविधा के लिए सरकार का गंभीर ना होना यह दर्शाता है कि भाजपा और कांग्रेस दोनों ही आमजन के हितों के लिए संवेदनहीन सरकारें हैं। वहीं कर्ज माफी को ढकोसला बताते हुए कहा गया कि सीधी जिला में कर्ज माफी के नाम पर नाम मात्र किसानों को लाभ मिला है जबकि वास्तविक और पात्र किसान आज भी इस योजना से वंचित हैं। वही नया भूमि अधिग्रहण 2013 के नियमों का पालन कराना प्रदेश सरकार और जिला प्रशासन की जिम्मेदारी है लेकिन इस मामले में भी वर्तमान सरकार पूर्ववर्ती सरकार का ही अनुसरण करते हुए कोई ठोस कदम नहीं उठा रही है, जिस कारण समय आ गया है कि संघर्ष के सिवा कोई दूसरा रास्ता आम जनता के पास नहीं है जिसके लिए सीधी जिला के किसान, मजदूर एवं आमजन से जुड़ी समस्याओं को लेकर आगामी दिसंबर महीना में कलेक्ट्रेट कार्यालय के घेराव किया जाना चाहिए और विशाल जन आंदोलन का शंखनाद होना चाहिए। अशोक सिंह पैगाम द्वारा कहा गया कि आजादी के बाद अगर बिजली, पानी और सड़क के लिए लोगों को संघर्ष करना पड़े तो यह बहुत ही खेद जनक और शर्म की बात है जो सरकार की विफलता साबित करता है जिसके लिए यह समय की जरूरत है कि युवाओं को इसी तरह आयोजन के माध्यम से जिम्मेवार प्रशासनिक अधिकारी व जनप्रतिनिधियों को बेनकाब करते हुए खुद अपनी लड़ाई लडऩी चाहिए और संघर्ष का काफिला रुकना नहीं चाहिए।
कार्यक्रम के आयोजक और अध्यक्षता कर रहे कृष्णपाल सिंह मोनू द्वारा कहा गया कि हम गोंड जाति के आदिवासी हैं लेकिन अपने संवैधानिक अधिकार को जानते हैं। और जिम्मेदार अधिकारी, कर्मचारी या राजनीतिक जनप्रतिनिधि सभी को आगाह किया जाता है कि अगर 2 माह के अंदर गिजवार अंचल की सड़कों का मरम्मत कार्य निर्धारित मापदंड के अनुसार नहीं किया जाता है तो कलेक्ट्रेट कार्यालय का घेराव कर विशाल जन आंदोलन किया जाएगा। जिसके जिम्मेवारी शासन-प्रशासन एवं निर्वाचित जनप्रतिनिधि सांसद विधायक एवं मंत्री होंगे। वहीं क्षेत्रीय विधायक को आड़े हाथों हाथों लेते हुए युवा नेता द्वारा कहा गया कि उनके द्वारा सरकार के बाहर होने के 8 माह के अंदर ही इसी उपखंड कार्यालय के सामने धरना प्रदर्शन किया गया जो शर्मनाक बात है, क्योंकि 15 वर्षों तक उन्ही के पार्टी की सरकार रही है और वह भी दो पंचवर्षीय लगातार विधायक रहे हैं, लेकिन उस समय भी उनका रोना रहा है कि हमारी कोई नहीं सुनता है। वहीं जिला पंचायत अध्यक्ष अभ्युदय सिंह के नेतृत्व पर सवाल उठाते हुए कहा गया कि जिला पंचायत वार्ड मड़वास के ही सड़कों की खस्ताहाल को लेकर आंदोलन किया जा रहा है और जिला पंचायत अध्यक्ष को कई बार अवगत भी कराया गया है लेकिन उनके द्वारा इसमें कोई पहल नहीं की गई बल्कि अब लोगों का मोबाइल रिसीव करना भी उचित नहीं समझते हैं। अन्य वक्ताओं व सहयोगियों में जगन्नाथ जायसवाल, रघुराज सिंह, पंजाब सिंह, गुलाब सिंह, रामसुंदर केवट, चिंतामणि गुप्ता, राजधर पांडेय, अंकित सिंह, सुरेंद्र तिवारी, ललन गौतम, सिप्तेन रजक, कमलेश कुशवाहा, राहुल गुप्ता, अशोक कुमार पनिका, रामकृपाल अगरिया, लालबाबू कुशवाहा, संकठा तिवारी आदि लोगों ने अपने क्षेत्रीय सड़कों के खस्ताहाल को लेकर वक्तव्य देते हुए रोष प्रकट किए। कार्यक्रम के अंत में उपखंड अधिकारी मझौली एके सिंह को ज्ञापन सौंपा गया।

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