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सहभूमि का नामांतरण निरस्त कराने फांसी का फंदा लेकर तहसील कार्यालय पहुंची महिला

सहभूमि का नामांतरण निरस्त कराने फांसी का फंदा लेकर तहसील कार्यालय पहुंची महिला, अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों के रोंकने पर बाहर जाकर सड़क पर लेटी, आनन-फानन में तहसीलदार ने नामांतरण आदेश किया निरस्त

सीधीJan 23, 2020 / 05:56 pm

op pathak

jameen

अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों के रोंकने पर बाहर जाकर सड़क पर लेटी

सीधी। जिले के राजस्व कार्यालयों में रिश्वतखोरी के चलते पक्षकारों को इंसाफ लंबे समय बाद भी नही मिल पा रहा है। राजस्व अमले की मनमानी के चलते पक्षकारों का आक्रोश भी फूटने का सिलसिला शुरू हो गया है। सिहावल तहसील में रिश्वतखोरी के चलते पीडि़त महिला पक्षकार द्वारा जहां मांग पूरा न कर पाने पर अपने घर से भंैस लाकर बांध दी गई थी। उक्त मामले की गूंज प्रदेश की राजधानी तक पहुंचने के बाद आनन-फानन में एसडीएम एवं रीडर को हटाकर जांच शुरू करने का मामला थमा भी नही था कि मझौली तहसील कार्यालय में भी इसी तरह का नजारा सोमवार को सामने आया।
तिलवारी निवासी बूटी कचेर की भूमि छुही ग्राम की आराजी नंबर 679 रकवा 0.070 हेक्टेयर संयुक्त खाते की थी। जिसमें 1/2 भाग 0.035 हेक्टेयर पीडि़ता महिला के सगे देवर हजारीलाल कचेर पिता भैया लाल कचेर निवासी ग्राम तिलवारी ने अपने हिस्से की 0.035 हेक्टेयर जमीन रामनरेश कुशवाहा पिता लालमणि कुशवाहा निवासी ग्राम छुही को विक्रय कर ऑनलाइन रजिस्ट्री करा दिया था। महिला द्वारा उक्त आराजी में अपना कब्जा होने का हवाला देकर तहसीलदार को बिक्री किए जाने में नामांतरण पर रोक लगाए जाने का आग्रह किया गया था। इस संबंध में तहसील न्यायालय में प्रकरण भी प्रस्तुत था। ऑनलाइन रजिस्ट्री के कारण 679 के रकबा 0.070 हेक्टेयर 1/2 भाग रखवा 0.035 हेक्टेयर का नामांतरण हजारीलाल कचेर से रामनरेश कुशवाहा के नाम हो गया। जिससे व्यथित होकर बूटी कचेर निवासी ग्राम तिलवारी अपने एक बच्ची व एक पुत्र के साथ सोमवार को तहसील कार्यालय पहुंचकर आत्महत्या की कोशिश करने लगी और हंगामा मचाना शुरू कर दिया। रस्सी लेकर पहले फांसी कार्यालय के अंदर लगाने का प्रयास कर रही थी। लेकिन अधिवक्ताओं और उपस्थित लोगों के द्वारा बचाव किया गया तब भागकर तहसील कार्यालय के सामने भी सड़क पर लेट गई। वहां से भी उपस्थित लोगों द्वारा हटाया गया किंतु तहसील कार्यालय जहां उपखंड मझौली की भी कार्यालय है सभी अधिकारी कर्मचारी मौजूद थे लेकिन कोई वहां नहीं आया। इसकी जानकारी तहसीलदार को जब लगी तो वे फाइल खोजने में लग गए और आनन-फानन में स्थित को देखते हुए नामांतरण निरस्त कर जांच करने का आदेश पारित किया गया तब कहीं जाकर महिला शांत हुई।
तहसीलदार ने अपना ही आदेश किया निरस्त-
जानकारों के अनुसार ऑनलाईन रजिस्ट्री होने के बाद नामांतरण आदेश तहसील कार्यालय द्वारा जारी किया गया था। हालाकि पीडि़त महिला द्वारा नामांतरण आदेश जारी होने से पूर्व ही अपनी आपत्ति लिखित रूप में तहसील कार्यालय में प्रस्तुत की गई थी। फिर भी इसे नजरदांज करते हुए नामांतरण आदेश जारी कर दिया गया था। महिला द्वारा हाई बोल्टेज ड्रामा करने के बाद तहसीलदार के हांथ पैर फूल गए और उन्होने अपने ही जारी किए गए नामांतरण आदेश को तत्काल निरस्त करने में ही अपनी भलाई समझी।
टवारी के द्वारा कर दी गई इत्तलाबी-
छुही की आराजी नंबर 679 के पुल्ली फांट का आवेदन मेरे द्वारा दिया गया था। जमीन बेचने की जानकारी पर आपत्ति संबंधित आवेदन दिया था। तहसीलदार द्वारा जारी नामांतरण आदेश पर रोक लगाने के लिए पटवारी को कहा गया था। फिर भी पटवारी ने इत्तलाबी कर दिया। मेरे एक बेटी एवं एक बेटा है। मैं चाहती हूं कि हमारी जमीन हमारे बेटे के नाम हो जाए।
बूटी कचेर
पीडि़ता, निवासी ग्राम तिलवारी तहसील मझौली
नामांतरण निरस्त कर जांच कराउंगा-
इसकी जानकारी हमारे पास आई है कि खातेदार हजारी लाल कचेर के द्वारा ऑनलाइन रजिस्ट्री रामनरेश कुशवाहा के नाम कराई गई थी। जिसके प्रिंट आउट के आधार पर समय सीमा में नामांतरण किया गया था। इसके पूर्व कोई आपत्ति मेरे पास नहीं आई थी। आज आई है जिससे मै नामांतरण निरस्त कर जांच कराउंगा।
चंद्रमणि सोनी
तहसीलदार, मझौली

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