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सीकर

प्रदेश के 20 लाख कॉलेज विद्यार्थियों को कमेटी के फैसले का इंतजार

प्रदेश में कक्षा 1 से लेकर 12 के विद्यार्थी कोरोना की वजह से प्रमोट हो चुके है। लेकिन कॉलेज विद्यार्थियों को अब परीक्षाओं के साथ प्रमोट होने का इंतजार है।

सीकरJun 18, 2021 / 04:40 pm

Sachin

प्रदेश के 20 लाख कॉलेज विद्यार्थियों को कमेटी के फैसले का इंतजार

प्रदेश के 20 लाख कॉलेज विद्यार्थियों को कमेटी के फैसले का इंतजार

सीकर. प्रदेश में कक्षा 1 से लेकर 12 के विद्यार्थी कोरोना की वजह से प्रमोट हो चुके है। लेकिन कॉलेज विद्यार्थियों को अब परीक्षाओं के साथ प्रमोट होने का इंतजार है। उच्च शिक्षा विभाग ने पिछले दिनों परीक्षाओं के आयोजन को लेकर एक समिति बना दी। लेकिन समिति ने अभी तक रिपोर्ट सरकार को नहीं दी है। इस कारण विद्यार्थियों को परीक्षाओं का इंतजार है। इस बीच अब विद्यार्थियों की ओर से वैक्सीनेशन के बाद परीक्षा कराने की मांग भी गूंजने लगी है। फिलहाल प्रदेश के 20 लाख से अधिक विद्यार्थियों की निगाहें सरकार के फैसले पर टिकी हुई है। पिछले साल उच्च शिक्षा विभाग की ओर से प्रथम व द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट किया गया था। जबकि अंतिम वर्ष की परीक्षाएं कराई गई थी। सूत्रों की मानें तो उच्च शिक्षा विभाग की ओर से इस संबंध में इस सप्ताह में निर्णय किए जाने की संभावना है। उच्च शिक्षा विभाग ने सभी विवि से भी रिपोर्ट ले ली है।

निर्णय में देरी बढ़ रही मुसीबत
राज्य सरकार के परीक्षा या प्रमोट करने के निर्णय में हो रही देरी की वजह से विद्यार्थी पढ़ाई भी नहीं कर पा रहे हैं। इसके अलावा अंतिम वर्ष के विद्यार्थियों को बीएड सहित अन्य पाठ्यक्रमों में प्रवेश लेने की तैयारी करनी है। इससे विद्यार्थियों की आस टूट रही है। युवाओं का कहना है कि विभिन्न विभागों की ओर से इस महीने के आखिर तक भर्तियों की विज्ञप्ति भी निकलनी है। परीक्षा समय पर नहीं होने पर वह आवेदन से वंचित रह सकते हैं।

नया शैक्षिक सत्र बेपटरी
कोरोना की वजह से पिछले दो साल से प्रदेश में कॉलेज शिक्षा का नए शैक्षिक सत्र भी बेपटरी हो रहा है। इस साल भी नया शैक्षिक सत्र तय समय पर शुरू होने की संभावना नजर नहीं आ रही है।

प्रथम वर्ष के विद्यार्थी हो प्रमोट, अन्य की परीक्षा
राज्य सरकार को प्रथम वर्ष के विद्यार्थियों को प्रमोट करने का निर्णय लेना चाहिए। इसके अलावा जो विद्यार्थी पिछले साल प्रमोट हो चुके है उनकी परीक्षा चाहे किसी भी पैटर्न से ली जाए लेनी चाहिए। इससे उच्च शिक्षा की गुणवत्ता भी बनी रहेगी। ऑनलाइन का पैर्टन भी अपनाया जा सकता है।
नवरंग चौधरी, प्रदेश अध्यक्ष, राजस्थान प्रदेश निजी कॉलेज संघ

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