ऋणी किसान का फसल बीमा अनिवार्य रूप से किया जाता है। अऋणी किसान स्वैच्छिक तौर पर भी फसल बीमा करवा सकते हैं। फसल बीमा के तहत पिछले पांच साल की औसत उपज से 80 प्रतिशत कम उपज से कम हो तो मुआवजा भी उसी अनुपात में मुआवजा मिलता था। इसके लिए किसान से ली जाने वाली प्रीमियम राशि में राज्य और केन्द्र सरकार की ओर से हिस्सा दिया जाता है।
इनका कहना है खरीफ 2017 में एक लाख 40 हजार 692 किसानों को 69.04 करोड का मुआवजा दिया जा चुका है। इसके अलावा खरीफ 2018 और रबी 2018 का भी मुआवजा जारी करने की प्रक्रिया चल रही है। लाभान्वित किसानों के तहसीलवार आंकड़े जल्द ही जारी हो जाएंगे।
– एसआर कटारिया, उपनिदेशक कृषि सीकर