scriptमौसम की मार से टूट चुके हैं अन्नदाता के सपने, किसानों पर 4054 करोड़ का फसली ऋण | 4054 crore crop loan on farmers | Patrika News
सीकर

मौसम की मार से टूट चुके हैं अन्नदाता के सपने, किसानों पर 4054 करोड़ का फसली ऋण

खेती करने के लिए बैंकों की ओर फसली ऋण लेने वाले किसानों की हजारों हेक्टेयर भूमि दांव पर लगी हुुई है

सीकरApr 25, 2018 / 11:55 am

vishwanath saini

garlic farmers

 

सीकर. खेती करने के लिए बैंकों की ओर फसली ऋण लेने वाले किसानों की हजारों हेक्टेयर भूमि दांव पर लगी हुुई है। रबी और खरीफ सीजन में हर बार मौसम के बिगड़े मिजाज के कारण किसानों के ऋण की रकम तो दूर ब्याज चुकाना भी मुश्किल नजर आ रहा है। इसका कारण है कि जिले के धरती पुत्रों की भूमि का बैंकों के पास गिरवी होना है। जिले में 240 करोड रुपए के एनपीए खातों के कारण अब इन किसानों को गिरवी रखी भूमि से हाथ धोना पड़ सकता है। इनमें से करीब 170 करोड रुपए तो केवल कृषि ऋण के हैं। आहत किसानों के सामने राष्ट्रीयकृत बैंकों से लिए गए कर्ज को चुकाना मुश्किल नजर आ रहा है। सहकारी बैंकों की तर्ज पर अब किसानों की आस सरकार से ऋण माफी पर टिकी हुई है।

 


मूल तो दूर ब्याज मुश्किल
किसानों को खुद की सिंचित और असिंचित भूमि के आधार पर किसान के्रडिट कार्ड योजना के तहत ऋण दिया जाता है। इसके पीछे मंशा किसानों को बुवाई से पूर्व बीज, खाद सहित अन्य जरूरतों के लिए साहूकार के आगे हाथ नहीं फैलना पड़े। इसके लिए किसान अपनी तहसील से भूमि संबंधी व अन्य दस्तावेज लेकर संबंधित बैंक में जमा कराए। इसके बाद बैंक अधिकारी सत्यापन के बाद उक्त भूमि को गिरवी रखकर ऋण देते हैं। समय पर ऋण नहीं चुकाने पर संबंधित को नोटिस दिया जाता है। बाद में कोर्ट में केस दायर कुर्की की कार्रवाई की जाती है।

 


3236 करोड के केसीसी
जिले में 29 बैंक, ग्राम सेवा सहकारी समिति व सहकारी बैंकों के 2 लाख 84 हजार 517 खाते हैं। इन खातों पर 3236 करोड की केसीसी जारी हुई है। समय पर ऋण चुकाने पर बैंक सरकार तीन प्रतिशत की छूट देती है। किसानों को चार प्रतिशत पर फसली ऋण मिल जाता है।सीकर जिले में केन्द्र की ओर से बैंक के लिए जारी मानकों से 15 प्रतिशत तक अधिक ऋण दिया गया है। बैंकों से हर तीन माह में रिपोर्ट जारी की जाती है। पिछले वर्ष दिसम्बर माह की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 6871 करोड के ऋण दिए गए हैं। इन ऋणों में 4054 करोड कृषि और 903 करोड सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए जारी हुए हैं।
मुकेश व्यास, जिला अग्रणी प्रबंधक सीकर

Home / Sikar / मौसम की मार से टूट चुके हैं अन्नदाता के सपने, किसानों पर 4054 करोड़ का फसली ऋण

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो