मूल तो दूर ब्याज मुश्किल
किसानों को खुद की सिंचित और असिंचित भूमि के आधार पर किसान के्रडिट कार्ड योजना के तहत ऋण दिया जाता है। इसके पीछे मंशा किसानों को बुवाई से पूर्व बीज, खाद सहित अन्य जरूरतों के लिए साहूकार के आगे हाथ नहीं फैलना पड़े। इसके लिए किसान अपनी तहसील से भूमि संबंधी व अन्य दस्तावेज लेकर संबंधित बैंक में जमा कराए। इसके बाद बैंक अधिकारी सत्यापन के बाद उक्त भूमि को गिरवी रखकर ऋण देते हैं। समय पर ऋण नहीं चुकाने पर संबंधित को नोटिस दिया जाता है। बाद में कोर्ट में केस दायर कुर्की की कार्रवाई की जाती है।
3236 करोड के केसीसी
जिले में 29 बैंक, ग्राम सेवा सहकारी समिति व सहकारी बैंकों के 2 लाख 84 हजार 517 खाते हैं। इन खातों पर 3236 करोड की केसीसी जारी हुई है। समय पर ऋण चुकाने पर बैंक सरकार तीन प्रतिशत की छूट देती है। किसानों को चार प्रतिशत पर फसली ऋण मिल जाता है।सीकर जिले में केन्द्र की ओर से बैंक के लिए जारी मानकों से 15 प्रतिशत तक अधिक ऋण दिया गया है। बैंकों से हर तीन माह में रिपोर्ट जारी की जाती है। पिछले वर्ष दिसम्बर माह की रिपोर्ट के अनुसार जिले में 6871 करोड के ऋण दिए गए हैं। इन ऋणों में 4054 करोड कृषि और 903 करोड सूक्ष्म और लघु उद्योगों के लिए जारी हुए हैं।
मुकेश व्यास, जिला अग्रणी प्रबंधक सीकर