केंद्र सरकार ने शुरुआत में आधार कार्ड बनाने के लिए प्रदेश में 38 हजार की जनसंख्या पर एक आधार कार्ड सेंटर शुरू किया था। लेकिन, पिछले वर्ष अगस्त माह में इनकी संख्या घटा दी गई। प्रदेश में पहले करीब 18 हजार आधार सेंटर संचालित थे, लेकिन अब 1200 से भी कम रह गए हैं। इस कारण अब आधार कार्ड बनवाने के लिए लोगों को लम्बा इंतजार करना पड़ा रहा है। इतना ही नहीं पंजीकरण के भी एक सप्ताह बाद आधार नम्बर मिल रहा है।
अधिकांश निजी स्कूलों में प्रवेश प्रकिया ऑनलाइन ही है। ऑनलाइन प्रकिया में सबसे पहले बच्चे का आधार नंबर भरना पड़ रहा है। जब तक विकल्प में आधार नंबर भरा नहीं जाएगा, तब तक आवेदन प्रकिया आगे नहीं बढ़ेगी।
-पहले प्रदेश में 18 हजार आधार सेंटर थे संचालित
-प्रदेश में 17 हजार आधार सेंटर्स पर लटके ताले
-अब महज 1184 आधार सेंटर हो रहे संचालित
-सीकर में 120 की जगह 95 सेंटर हो रहे संचालित
– प्ले ग्रुप में बच्चे का एडमिशन करवाना है। एडमिशन करवाने गए तब पता चला कि आधार नंबर देना होगा। बच्चे का आधार कार्ड नहीं बना हुआ। इतने कम समय में आधार कार्ड कहां से लाएं।
रमेश सोनी, अभिभावक
-नर्सरी कक्षा में भी प्रवेश में बच्चे व माता-पिता दोनों का आधार जरूरी कर दिया है। बच्चे का आधार कार्ड नहीं बना हुआ। एडमिशन में दिक्कत आ रही है।
रीता चौधरी, अभिभावक