वर्तमान शिक्षामंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने पूर्व कार्यकाल में विधायक कोष से बेटियों के कम्प्यूटर लैब के लिए राशि जारी की थी। शहीद नेमीचंद राजकीय बालिका माध्यमिक स्कूल खुड़ी बड़ी में 29 सितंबर को 25:75 योजना के तहत आइसीटी लैब की स्वीकृत हुई। उसके बाद 10 जनवरी को वित्तीय स्वीकृती भी जारी हो गई। लेकिन समसा के अधिकारियों ने समय पर तकनीकी प्रस्ताव जयपुर परिषद को नहीं भेजे। इसके चलते 7 महीने बाद भी स्कूल में लैब स्थापित नहीं हुई। समसा के अधिकारियों की इसी लापरवाही के कारण आज भी बेटियां कम्प्यूटर सीखने का इंतजार कर रही है। यदि जनवरी माह में कम्प्यूटर लैब तैयार हो जाती तो स्कूल में शानदार नामांकन अभिवृद्धि होने के आसार थे।
जिले में आइसीटी लैब के लिए 25 प्रतिशत राशि भामाशाह व जनप्रतिनिधियों के कोष तथा 75 प्रतिशत राशि परिषद की ओर से जारी होती है। इस योजना के पहले चरण में 1172 के तहत 69 स्कूलों में लैब तैयार हो गए। लेकिन उसके बाद दूसरे चरण में 5051 के तहत 108 में 5 अक्टूबर 2018 को आइसीटी लैब की वित्तीय स्वीकृती जारी होने के बावजूद 15 स्कूलों में तकनीकी खामी के चलते आज दिन तक लैब स्थापित नहीं हुए।
565 में से 391 स्कूलों में आइसीटी लैब स्थापित हो चुके है। 93 स्कूलों में लैब के इंस्टोलेशन का काम चल रहा है। 30 स्कूलों में लैब की स्वीकृति प्रक्रियाधीन है। लैब का काम पहले पांच फेज में चला। पहले फेज में 113, दूसरे में 92, तीसरे में 104, चौथे में 22 और पांचवें फेज में एक इन सभी फेजों में स्वीकृत लैब तैयार है।
बबलेश धींवा,
कार्यक्रम अधिकारी, समसा सीकर