scriptनिशुल्क दवा योजना का नहीं मिल रहा पशुपालकों को लाभ | Animals are not getting the benefit of free medicine scheme | Patrika News
सीकर

निशुल्क दवा योजना का नहीं मिल रहा पशुपालकों को लाभ

90 लाख की भेजी दी डिमांड, दो माह से पशुपालक हो रहे परेशान50 मे से महज 12 तरह की दवाएं पहुंची

सीकरOct 07, 2019 / 05:32 pm

Puran

निशुल्क दवा योजना का नहीं मिल रहा पशुपालकों को लाभ

निशुल्क दवा योजना का नहीं मिल रहा पशुपालकों को लाभ

सीकर. जिले में एफएमडी, डायरिया व बुखार सरीखी मौसमी बीमारियां पूरे जोर पर है लेकिन प्रदेश में पिछले दो माह से पशुओं का उपचार भगवान भरोसे ही चल रहा है। पशुधन के लिए जोर-शोर से शुरू की गई निशुल्क दवा योजना मजाक बनकर रह गई है। पशु चिकित्सालयों में लम्बे समय से एंटीबायोटिक व इंजेक्शन तक नहीं है। सरकार की गंभीरता का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि पशुपालन विभाग ने अगस्त माह में निदेशालय से 50 तरह की दवाओं की मांग की लेकिन महज एक दर्जन प्रकार की दवाएं ही पहुंच पाई है। जिनमें भी तारपीन का तेल, डेल्टामेक्सिन और एल्बेंडाजोल की दवा शामिल है। ऐसे में सरकारी पशु चिकित्सालयों से उपचार की आस टूटती जा रही है। पशुपालकों को उपचार के लिए निजी दवा की दुकानों की शरण पर जाना पड़ रहा है। सबसे खराब स्थिति गोशालाओं के गोवंश की है।

एंटीबायोटिक न इंजेक्शन
पशु चिकित्सा संस्थानों से एंटी बायोटिक जेंटामाइसिन, क्यूरिपायरामिन, डायमेंटाजिन, सेफ्टीजोन, क्लोमिनफेन, इंजेक्शन एनालजिन, आइवर मेक्टिन, पावरडीन, आक्सी स्टेक्लिन, सेल्फाड्रिम, मिनरल मिक्सचर सहित 50 दवाओं की मांग भेजी थी। इन दवाओं की अनुमानित कीमत 90 लाख रुपए तक आंकी गई है। जिले में गोशालाओं के गोवंश को दवाएं तो दूर मिनरल मिक्सचर तक नहीं मिल रहा है।

फैक्ट फाइल
उपकेन्द्र:215
प्रथम श्रेणी चिकित्सालय: 31
डिस्पेंसरी:10
मोबाइल यूनिट:03
पॉली क्लिीनिक:01
जिला लैब:01
इनका कहना है
यह सही है कि दवाओं के आने में देरी हुई है विभाग ने निदेशालय को 90 लाख की कीमत वाली 50 तरह की दवाओं की मांग भेजी थी। इसमे से 12 तरह की दवाएं ही पहुंची है। शेष दवाएं जल्द ही पहुंचने लगेगी।
डा. बीएल झूरिया, संयुक्त निदेशक पशुपालन सीकर
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो