सरकार के दावे निकले झूठे: लगातार बेरोजगार कर रहे आवेदनअटके बेरोजगारी भत्ते के लिए युवाओं ने भरी आंदोलन की हुंकार, अगले महीने से प्रदेशभर में आंदोलन
सीकर•Oct 02, 2021 / 05:31 pm•
Suresh
सत्यापन के नाम पर फिर से अटकाए आवेदन!
सीकर. राज्य सरकार ने बेरोजगार युवाओं को लुभाने के लिए बेरोजगारी भत्ता बढ़ाकर आवेदन तो एकत्रित कर लिए, लेकिन अभी तक ना तो नई योजना शुरू र्की और ना ही बेरोजगारों को भत्ता दिया जा रहा है। रोजगार विभाग ने सत्यापन के नाम पर बेरोजगार युवाओं के आवेदन अटका रखे हैं। बेरोजगारी भत्ता अटकने से युवाओं में आक्रोश हैं, अगले महीने प्रदेश भर में आंदोलन शुरू करने की तैयारी है। रोजगार कार्यालय सीकर से प्राप्त जानकारी के अनुसार अभी तक 26 फरवरी 2020 से पहले के आवेदन स्वीकृत हुए हैं।
गौरतलब है कि बेरोजगारी भत्ते को रोजगार परक भी बनाया जा रहा है। भत्ते से पहले आरएसएलडीसी से तीन महीने का प्रशिक्षण देने और चयनित बेरोजगारों को चार घंटे सरकारी कार्यालयों में काम कराने की योजना है। विभाग के अधिकारियों के अनुसार योजना उच्च स्तर पर विचाराधीन है। स्वीकृति मिलने के बाद ही योजना को लागू की जाएगी। नई योजना में सरकार ने हर महीने अधिकतम 2 लाख को बेरोजगारी भत्ता देने का ऐलान किया है। पहले से 1.60 लाख को मिल रहा है। यानी इसमें 40 हजार की बढ़ोत्तरी होनी थी। इसमें महिला को 4500 और पुरूष को 4 हजार रुपए भत्ता दिया जाना हैं। योजना शुरू होते ही भत्ता लेने वाले सभी बेरोजगारों को प्रशिक्षण व 4 घंटे सरकारी कार्यालयों में काम करना होगा।
यों समझें गणित
मुख्यमंत्री युवा संबल योजना 1 फरवरी 2019 से प्रदेश में लागू की गई। जिसके तहत पुरूष बेरोजगारों को 3 हजार रुपए और महिला, विशेष योग्यजन व ट्रांसजेंडर श्रेणी को 3500 रुपए प्रतिमाह अधिकतम दो वर्ष तक बेरोजगारी भत्ते के रूप में दिए जाने का प्रावधान किया गया है। योजना के तहत प्रदेश में 1 फरवरी 2019 से 31 अक्टूंबर 2021 तक 251984 बेरोजगारों को भत्ता स्वीकृत कर लाभांवित किया जा चुका है।
एक फरवरी 2019 से 7 सितंबर 2021 तक कुल 8 लाख 32 हजार 996 आवेदन प्राप्त हुए। जिनमें से 240427 बेक टू सिटीजन, 7665 सबमिट, 327052 वेरिफाइड, 151707 स्वीकृत, 45507 रिजक्ट और 60638 आवेदन स्थिर अवस्था में अटके हुए हैं। योजना शुरू नहीं होने से सरकार के बच रहे करोड़ों रुपए योजना के तहत एक अप्रेल से 40 हजार नए बेरोजगार जुड़ते तो सरकार पर हर महीने करीब 16 करोड़ का अतिरिक्त भार आता। इसके हिसाब से पांच महीने का 80 करोड़ रुपए बैठता है। एक अप्रैल से अगर एक हजार रुपए भत्ता बढ़ जाता है तो हर महीने सरकार पर 16 करोड़ रुपए का अतिरिक्त भार और आता। लेकिन पांच महीने बाद भी योजना लागू नहीं होने से करीब 80 करोड़ रुपए बच चुके हैं। हर जिले में बेरोजगार आवेदन की निर्धारित सीमा से अधिक आवेदन प्राप्त हैं। सरकारी नौकरी लगने, रजिस्ट्रेशन वैरिफिकेशन नही कराने तथा अन्य किसी कारण से बहुत कम आवेदन रद्द होते हैं। इनसे कही ज्यादा आवेदन हर महीने हो रहे हैं। यही कारण है कि आवेदन स्वीकृत होने के बावजूद बेरोजगारों को लंबे समय से भत्ता नहीं मिल रहा हैं।