परिजनों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया
उसने भाई छगनलाल को पूरी घटना की जानकारी फोन कर दी। इसके बाद वे अपने साथ सुरेश, मुकेश, दिनेश को लेकर सबलपुरा स्टैंड पर आ गए। कुछ देर के बाद वे गाड़ी लेकर सबलपुरा स्टैंड की ओर आए। उसके भाई ने उन्हें गाड़ी रेाकने का इशारा किया। वे गाड़ी को तेज गति में चलाते हुए ले गए। उन पर भी गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। वे वापस होटल पर पहुंच गए। उसके पिता व अन्य लोग भी होटल पर आ गए। उसके पिता ने गाड़ी देकर ताराचंद को छोडऩे के लिए कहा। तब जितेंद्र ने चाबी देकर चले जाने को कहा। उनके जाते ही वे लोग लाठी व सरियों से मारपीट करने लग गए। उसकी आवाज सुनकर उसके पिता व भाई आ पहुंचे। इसके बाद उसे छुड़ा कर लेकर आए।