scriptये क्या बच्ची की बीमारी का बहाना बना कर बुलाया, युवक का किया अपहरण | Called as an excuse for child's illness, kidnapped youth | Patrika News
सीकर

ये क्या बच्ची की बीमारी का बहाना बना कर बुलाया, युवक का किया अपहरण

सीकर. बच्ची की बीमारी का बहाना बना कर युवक को बुला कर बदमाश अपहरण कर ले गए। लाठी-डंडों से मारपीट कर युवक को बंधक बना कर रखा। उससे 35 हजार रुपए छीन लिए। पीडि़त युवक के परिजनों बचाने पहुंचे तो उन पर भी गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया।

सीकरMar 24, 2020 / 10:03 am

Vikram

tarachand

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सीकर. बच्ची की बीमारी का बहाना बना कर युवक को बुला कर बदमाश अपहरण कर ले गए। लाठी-डंडों से मारपीट कर युवक को बंधक बना कर रखा। उससे 35 हजार रुपए छीन लिए। पीडि़त युवक के परिजनों बचाने पहुंचे तो उन पर भी गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। सदर पुलिस ने युवक की रिपोर्ट पर मारपीट व लूट का मुकदमा दर्ज कर लिया है। मामले की जांच हैडकांस्टेबल मदनलाल को दी गई है। पुलिस का कहना है कि मामले की जांच कर रहे है। पीडि़त ताराचंद पुत्र चौथमल निवासी सबलपुरा ने सदर थाने में मुकदमा दर्ज कराया है। उन्होंने बताया कि जितेंद्र कुमार निवासी भैरूपुरा का सुबह फोन आया कि उनकी बच्ची की तबीयत खराब है। तुम कुछ रुपए व गाड़ी लेकर होटल पर आ आजाओं। उन्होंने होटल से महेंद्र फोगावट को लेकर आने को बोला। वह कुछ देर के बाद होटल में पहुंचा। वहां पर उन्होंने गाड़ी की चाबी ले ली। इसके बाद होटल में अंदर ले गए। होटल में अंदर जितेंद्र, महेंद्र, सुनील ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद मारपीट करने लग गए। उन्होंने जेब में रखे 35 हजार रुपए निकाल लिए। मारपीट कर उसकी सोने की चेन तोड़ ली। उसने विरोध किया तो लात-घूसों से मारपीट कर होटल के कमरे में एक कोने में बैठा दिया। इन्होंने होटल के कमरे में शराब पी। इसके बाद इन्होंने गाड़ी में मुझे पीछे पटक दिया और गाड़ी को खुद चलाकर ले गए। वे गाड़ी में इधर-उधर घूमने लगे।

परिजनों पर गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया
उसने भाई छगनलाल को पूरी घटना की जानकारी फोन कर दी। इसके बाद वे अपने साथ सुरेश, मुकेश, दिनेश को लेकर सबलपुरा स्टैंड पर आ गए। कुछ देर के बाद वे गाड़ी लेकर सबलपुरा स्टैंड की ओर आए। उसके भाई ने उन्हें गाड़ी रेाकने का इशारा किया। वे गाड़ी को तेज गति में चलाते हुए ले गए। उन पर भी गाड़ी चढ़ाने का प्रयास किया। वे वापस होटल पर पहुंच गए। उसके पिता व अन्य लोग भी होटल पर आ गए। उसके पिता ने गाड़ी देकर ताराचंद को छोडऩे के लिए कहा। तब जितेंद्र ने चाबी देकर चले जाने को कहा। उनके जाते ही वे लोग लाठी व सरियों से मारपीट करने लग गए। उसकी आवाज सुनकर उसके पिता व भाई आ पहुंचे। इसके बाद उसे छुड़ा कर लेकर आए।
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