अपनी कमाई का आधा हिस्सा बालिका स्कूल को देते हंै पारीक रोलसाहबसर गांव के रहने वाले ओमप्रकाश पारीक अपनी गाढ़ी कमाई का आधा हिस्सा बालिका स्कूल पर खर्च कर देते है। ताकि बेटियों को सुविधाएं मिले तो वो पढ़ सके। रोलसाहबसर की बालिका स्कूल में करीब नौ लाख रुपए पारीक आठ वर्षों में खर्च कर चुके है। पेशे से ट्रेवल एजेंट पारीक ने स्कूल में टॉयलेट, चारदीवारी, फर्नीचर, कम्प्यूटर आदि कार्य करवाएं। पारीक ने उस समय स्कूल को संभाला जब स्कूल से बालिकाएं लगातार कम हो रही थी।
सुविधाओं की कमी के कारण स्कूल में बेटियां पढऩे नहीं आती थी। पारीक ने पैसा लगाकर सुविधाएं विकसित करवाई तो दो सौ की जगह चार सौ बेटियों का प्रवेश हो गया। अभी भी लगातार पारीक पैसा खर्च करते आ रहे है। खास बात यह है कि ओमप्रकाश अपने द्वारा लगाएं गए पैसे का कहीं जिक्र भी नही करते हैं।
अस्पताल के लिए 80 लाख की जमीन दी भाइयों ने बेसवा गांव के 2 भाइयों ने अस्पताल बनाने के लिए मैन रोड़ की 8 बीघा जमीन दान में दे दी। दान में दी गई जमीन की कीमत 80 लाख रुपये है। दरअसल बेसवा गांव में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का भवन बनाने के लिए जमीन की जरूरत थी। बेसवा के सामान्य किसान परिवार से तालुक रखने वाले दो भाई हाकम व असगर ने अपनी 80 लाख रुपए की जमीन अस्पताल को दान में दे दी। उक्त जमीन पर अब लाखों रुपए की लागत से सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र का भवन बनकर तैयार हो गया है।
टैक्सी चालक ने दे दी 30 लाख की जमीन फतेहपुर क्षेत्र के लावणडा गांव के एक युवा ने बच्चों की पढ़ाई के लिए अपने खेत में से 5 बीघा जमीन दान में दे दी। दान में दी गई जमीन की कीमत 30 लाख रुपए हैं। टैक्सी चालक मंगेज पुत्र नूर मोहम्मद पढ़ा लिखा नहीं हैं, ऐसे में वह चाहता हैं बच्चे शिक्षा ग्रहण् ाकर सके।उन्होंन ेअपनी जमीन राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल को दान में दी हैं।
दुबई प्रवासी व फतेहपुर निवासी दाऊद हनीफ शिक्षा के क्षेत्र में
काम कर रहे हैं। फतेहपुर कस्बे में अपनी दो करोड़ रुपए की जमीन स्कूल को दान में दे दी। उस जगह पर फातिमा बालिका स्कूल बनी हुई हैं। स्कूल में अभी 1000 बालिका शिक्षा ग्रहण कर रही हैं। इसके अलावा पिनारा ने स्काउट भवन में 5 लाख, राजकीय नेवटिया स्कूल में 2 लाख रुपए का काम करवाया हैं। इसके अलावा पिनारा ने अपने डीएचपी फाउंडेशन के द्वारा कृष्णा पाठशाला में 20 लाख रुपए की लागत के कार्य करवा दिए। इसके अलावा इस्लामिला स्कूल, लक्ष्मीनाथ स्कूल, अशरफूल स्कूल में भी लाखों रुपए के विकास कार्य कराए हैं। वही युवाओं को उच्च शिक्षा के लिए छात्रवृत्ति भी देते है।