बनाए थे आइसोलेशन वार्ड
स्वाइन फ्लू, जिसे एच 1 एन 1 वायरस के कारण होता है। ये इन्फ्लूएंजा वायरस एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फैलता रहा है। स्वाइन फ्लू 2009 में पहली बार मनुष्यों में सामने आया। इसके बाद ये महामारी बन गया था। इसको लेकर लोगों में खौफ को देखते हुए अस्पतालों में स्वाइन फ्लू और मलेरिया के वार्ड बनाए गए थे जो अब किसी भी संक्रामक रोगी को भर्ती करने के लिए आइसोलेशन वार्ड बन कर रह गए।
इस कारण आई कमी
सीकर जिले में मलेरिया के मामलों में पिछले तीन साल में लगातार कमी आ रही है। एनोफिलीज क्युलिसीफेसीज मलेरिया का कारण है। ये मध्यम आकार का मच्छर रुके हुए पानी में प्रजनन करता है। बारिश में मलेरिया के केस सामने आने लगते है। चिकित्सकों की माने तो मुख्यत: शुष्क रहने के कारण मादा एनाफिलिज मच्छरों को पनपने के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिल रहा है।
फैक्ट फाइल
वर्ष मलेरिया चिकनगुनिया स्वाइन फ्लू
2021 02 46 00
2022 05 09 08
2023 02 12 01
इनका कहना है
मलेरिया एक वेक्टर जनित रोग है, जो स्वास्थ्य के लिए मुख्य खतरा था। अब मलेरिया ऐसी बीमारी बन गई है, जिसकी मृत्यु दर बहुत कम है और इसके मामले भी पिछले कुछ वर्षों में कम हो रहे हैं। इसके अलावा मलेरिया पुरानी बीमारी है, इस कारण लोग जागरूक भी हो रहे हैं।
डॉ. निर्मल सिंह, सीएमएचओ सीकर