अंग्रेजी माध्यम स्कूलों के प्रति क्रेज
प्रदेश के अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में दाखिले को लेकर काफी उत्साह देखने को मिल रहा है। जयपुर सहित प्रदेश के ज्यादातर जिलों में सीटों के मुकाबले दो से 16 गुणा तक आवेदन आए है। ऐसे में कर्मचारियों के बच्चों को वरीयता मिलने पर काफी फायदा मिलेगा।
मिलेगी नए सेक्शन की स्वीकृति
कर्मचारियों के आवेदन ज्यादा आने की स्थिति में अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में नए सेक्शन बढ़ाने की स्वीकृति देने की भी योजना है। नए सेक्शन बढऩे पर अतिरिक्त स्टाफ लगाए जाने का भी प्रावधान किया गया है।
कर्मचारी बोले, सार्वजनिक शिक्षा के लिए अच्छा कदम
सरकार के इस फैसले को लेकर कर्मचारियों ने खुशी जताई है। शिक्षक नेता उपेन्द्र शर्मा, भंवर सिंह ने बताया कि शिक्षामंत्री का यह कदम सार्वजनिक शिक्षा को बचाने में काफी मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि सरकार की इस योजना से प्रदेश के सरकारी स्कूलों को नई संजीवनी मिलेगी। कोरोना की वजह से आए अपने गांवों को लौटे प्रवासी और अब कर्मचारियों को जोडऩे के लिए घोषित इस योजना से सरकारी स्कूलों में इस साल नामांकन कई गुणा बढऩे की संभावना है।
शिक्षा राज्यमंत्री गोविंद सिंह डोटासरा से बातचीत
स. वरीयता देने से क्या सामान्य बच्चों के हित प्रभावित नहीं होंगे ? उन्हें प्रवेश के समान अवसर मिल पाएंगे ?
मंत्री. – ऐसा बिल्कुल नहीं होगा। तय सीटों पर सामान्य प्रक्रिया के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। इसके बाद अगर सरकारी कर्मचारियों के बच्चे रह गए तो सीटें बढ़ाई जाएंगी। उदाहरण के तौर पर अंग्रेजी माध्यम स्कूल में एक कक्षा में 40 सीटें हैं। आवेदन पत्रों के आधार पर प्रवेश दिया जाएगा। बचे हुए आवेदन पत्रों में अगर सरकारी कर्मचारियों के बच्चे हुए तो उन्हें भी दाखिला दिया जाएगा। उनके लिए अतिरिक्त सीटें बढ़ाई जाएंगी।
स. अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में 16 गुणा आवेदन हैं तो फिर ऐसा कदम क्यों उठाया ?
मंत्री. – जो शिक्षक उस स्कूल में पढ़ा रहा है, उसका बच्चा बाहर पढऩे क्यों जाए ? उसका बच्चा भी उसी स्कूल में पढ़े, इस सोच के साथ यह फैसला लिया गया है।
स. क्या केंद्रीय विद्यालयों की तरह आरक्षण पॉलिसी होगी ?
मंत्री. इस तरह की ही तैयारी कर रहे हैं। जल्द ही दिशा-निर्देश जारी किए जाएंगे।