इस दौरान टीम को उपलब्ध करवाई गई जानकारी गलत होने पर टीम नेगेटिव मार्किंग करेगी। डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के 1200 अंक व सिटीजन फीडबैक के 1400 अंक के लिए नगर निकाय की टीम को जमीन पर काम करना पड़ेगा। डायरेक्ट ऑब्जर्वेशन के तहत आने वाले टीम पूरे शहर की सफाई व्यवस्था का निरीक्षण करके ही अंक देगी। इसके लिए निकाय को शहर में पूरी तरह से सफाई करनी होगी। मगर पर्याप्त संसाधन नहीं होने व नियमित निगरानी के अभाव में शहर को स्वच्छ बनाने के लिए निकाय कमजोर साबित होते दिख रहे हैं।
सिटीजन फीडबैक रहेगा अहम सिटीजन फीड बैक के लिए निर्धारित 1400 अंक निकायों के अधीन नहीं है। यह अंक जनता के द्वारा दिए जायेंगे। स्पष्ट है कि शहर में गंदगी रहेगी तो नगर वासियों की प्रतिक्रिया नकारात्मक होगी। शहर में गंदगी को लेकर शहर वासियों में ऐसे ही नाराजगी रहती है, ऐसे में नंबर सही नहीं दिए गए तो शहर की रैकिंग नीचे आ जायेगी।
सर्विस लेवल प्रोगेस के तहत निर्धारित 1400 अंक में नेगेटिव मार्किंग का प्रावधान भी है। जो कि निकायों के लिए भारी हो रहा है। इसके लिए निकायों द्वारा सफाई व्यवस्था के सभी दस्तावेज तैयार किए जा रहे है। इसमें विशेष तौर पर सफाईठेकेदार से संबंधित मैन पावर व संसाधन, शहर में बनाएं गए सार्वजनिक शौचालय, डोर टू डोर कचरा उठाने आदि व्यवस्थाओं से संबंधित रिपोर्ट तैयार कर रहे है।
रिपोर्ट का सर्वेक्षण टीम आंकलन कर क्रास चैकिंग भी करेगी। क्रास चैकिंग में जितनी कमियां पाई जाएगी, उतने ही अंक काटे जायेंगे। इससे पहले सिर्फ दस्तावेज व रिपोर्ट के आधार पर ही अंक दिए गए थे। इस बार निकायों द्वारा नेगेटिव मार्किंग को देखते हुए सही रिपोर्ट तैयार करने पर जोर दिया जा रहा है।