ये रखी मांग
माकपा ने राज्य सरकार से पेट्रोल व डीजल पर राज्य सरकार का बढ़ाया टैक्स वापस लेने, किसान आंदोलनकारियों के केस वापस लेने, कोरेाना काल के 6 महीने के बिजली के बिल माफ करने , किसानों को बिजली बिल में सब्सिडी देने, वीसीआर के नाम पर लूट बंद करने, कोरोना मृतकों के मृत्यु प्रमाण पत्र पर कोरोना मरीज होने का उल्लेख करने व कोरोना से मुखिया की मौत पर परिवार को उचित मुआवजा देने, कोरोना में माता या पिता खोने वाले बच्चों को सम्पूर्ण आर्थिक पैकेज देने की मांग रखी। वहीं, केंद्र सरकार से भी महंगाई कम करने व कृषि कानून वापस लेने सरीखी मांग रखी। मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन उग्र करने की चेतावनी भी दी गई।
पीएम- सीएम के खिलाफ लगाए नारे
प्रदर्शन के दौरान हाथ में झंडे लिए माकपा कार्यकर्ताओं ने केंद्र व राज्य सरकार के खिलाफ जमकर आक्रोश जताया। जाट बाजार से कलेक्ट्रेट तक कार्यकर्ताओं ने लगातार पीएम मोदी व सीएम अशोक गहलोत के खिलाफ नारे लगाए। दोनों सरकारों को जन व किसान विरोधी बताया।
जन जागृति अभियान जारी
गौरतलब है कि बढ़ती महंगाई व बेरोजगारी के विरोध में माकपा का जन जागृति अभियान प्रदेशभर में जारी है। जिसके तहत माकपा कार्यकर्ता जिला मुख्यालय से लेकर गांव-ढाणी तक जनसंपर्क कर बढ़ती महंगाई व कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन को मजबूत करने में जुटे हैं। इसी क्रम में शुक्रवार को जिले में माकपा द्वारा विरोध प्रदर्शन किया गया।