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सीकर

जिम्मेदारों की लापरवाही से अन्नदाता को चूना

नकली बीज से हर बार ठगा जाता है किसान
 
तीन साल में आई 87 शिकायतें, 58 शिकायत लंबित

सीकरJan 11, 2020 / 04:59 pm

Puran

प्राकृतिक आपदा से खरीफ फसलों को बचाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम की दरें तय कर दी है।

प्राकृतिक आपदा से खरीफ फसलों को बचाने के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में प्रीमियम की दरें तय कर दी है।

सीकर. किसानों का भाग्य कहें या विभाग की अनदेखी। धरती का सीना चीर कर अन्न उगाने वाले किसान भी मिलावट की चपेट में आ गए हैं। हाल यह है कि जिले में किसानों को फसल की बुवाई के समय प्रति वर्ष लाखों किलोग्राम नकली बीज से जूझना पड़ता है। इसकी बानगी है कि रबी और खरीफ दोनों ही सीजन में किसान निम्न गुणवत्ता के बीज के कारण लाखों रुपए के नुकसान की चपेट में आ जाते हैं। जबकि प्रदेश में खरीफ और रबी सीजन के दौरान गुण नियंत्रण अभियान चलाने का दावा किया जाता है जिम्मेदारों की अनदेखी का नतीजा है कि सैंकड़ों किसानों को बुवाई के समय कम गुणवत्ता का बीज व उर्वरक मिलता है। कई बार किसानों को नकली बीज थमा दिए जाते हैं। ऐसे में कृषि विभाग ने खाद-बीज व कीटनाशी की बिक्री केवल पॉश मशीन के जरिए करने के निर्देश दिए हैं। गौरतलब है कि सीकर कृषि विभाग में पिछले तीन साल में निम्न गुणवत्ता के बीज की 87 शिकायतें आ गई और लेकिन कार्रवाई के नाम पर महज 58 जांच लंबित है।
ऐसे उठाते हैं फायदा
मिलावट के लिए सख्त कानून नहीं होने से मिलावटियों का काम जोरों पर हैं। मिलावट करने वाले घटिया उत्पाद व सामग्री डालकर पैंकिग कर बाजार में भेज देते हैं। बीज का अंकुरण व बढ़वार नहीं होने पर किसान जब इस संबंध में शिकायत करता है तो बीज निर्माता बुवाई के लिए आदर्श तापमान व तरीका सही नहीं होने का हवाला देकर पल्ला झाड़ लेता है। मामले के तूल पकडऩे पर विभाग तीन नमूने लेकर विक्रेता के खिलाफ इस्तगासा दायर कर देता है।
यह है कारण
विभाग की ओर से नोटिस में नमूने के संबंध में बैच नम्बर लिखे जाते हैं। इस बैच नंबर के आधार पर ही मिलावट करने वाले नमूने की जांच करने वाले लैब का पता लगा लेते हैं और नमूने को पास करवा लेते हैं। कई बार जांच में मिलावट पाए जाने पर संबंधित विक्रेता नाममात्र का शुल्क देकर पूर्व में लिए गए नमूने की जांच से संतुष्ट नहीं होने का हवाला देकर पुन जांच का आवेदन कर देता है। ऐसे में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई नहीं हो पाती है।
इनका कहना है
बीज, उर्वरक व कीटनाशी में मिलावट मिलने पर बीज नियंत्रण आदेश व आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाती है। लक्ष्य के आधार पर निरीक्षक खाद- बीज की दुकानों पर जाकर नमूने लेते और आवश्यक होने पर प्रकरण दर्ज कर आगामी कार्रवाई की जाती है। पॉश मशीन के जरिए ही खरीदने पर संबंधित दोषी की जिम्मेदारी तय हो जाती है। इससे मिलावट पर भी रोकथाम लग जाएगी।
एसआर कटारिया, उपनिदेशक कृषि

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