तेज गर्जना के साथ पहला भूकंप
भूगोल विशेषज्ञ मुकेश निठारवाल ने बताया कि जमीन के नीचे प्लेट में हलचल की वजह से इस तरह की गतिविधियां होती है। जो अंचल में पहले भी हो चुकी है। लेकिन, इस बार तरंगे दस किलोमीटर गहराई से तेज गर्जना के साथ निकली है। जो पहली बार हुआ है। उन्होंनेे बताया कि ऐसी घटनाओं के कुछ दिन बाद तक सचेत रहने की जरुरत होती है। क्योंकि ऐसी घटनाओं का दोहराव होने की आशंका बनी रहती है।
घरों से बाहर निकले लोग, पक्षियों की गूंजी आवाजें
भूकंप से धरती हिलने की घटना के साथ ही मोर आदि पक्षियों की आवाज भी तेज हो गई। वहीं, घरों में बैठे लोग भी घबरा गए। अचानक पंखे व घरों की चीजें हिलने से दहशत के मारे लोग तुरंत आनन- फानन में चिल्लाते हुए घर से बाहर निकल गए। काफी देर तक बाहर रहने के बाद सब कुछ सही होना सुनिश्चित कर ही वे घरों में लौटे।
आठ महीने में दूसरा भूकंप
सीकर जिले में भूकंप आठ महीने में दूसरी बार आया है। इससे पहले पिछले साल 17 दिसंबर को सुबह 11.26 पर भूकंप के झटके महसूस किए गए। जिसकी रिक्टर पैमाने पर तीव्रता 3 नापी गई थी। भूकंप का असर सीकर के आसपास के कस्बों पलसाना, श्रीमाधोपुर, खाटूश्यामजी में रहा था।