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सीकर

टिड्डी के बाद फसलों पर फाका का डाका, किसानों पर बढ़ा संकट

सीकर। कोरोना और टिड्डी दल के बाद अब फाका (हापर्स) किसानों के लिए खतरा बन रहा है। जिले में कई जगह करोड़ों की संख्या में फाका देखा जा चुका है।

सीकरAug 04, 2020 / 06:31 pm

Sachin

टिड्डी के बाद फसलों पर फाका का डाका, किसानों पर बढ़ा संकट

टिड्डी के बाद फसलों पर फाका का डाका, किसानों पर बढ़ा संकट

सीकर। कोरोना और टिड्डी दल के बाद अब फाका (हापर्स) किसानों के लिए खतरा बन रहा है। जिले में कई जगह करोड़ों की संख्या में फाका देखा जा चुका है। अब चूंकि टिड्डी दल में सूंघने की क्षमता ज्यादा होने पर वह फाका वाले क्षेत्रों में पहुंच जाती है। ऐसे में फाका के साथ टिड्डी के डबल अटैक की आशंका किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें ले आई है। हालांकि कृषि विभाग के अधिकारी सिंचित इलाकों में और टिड्डी नियंत्रण दल बारानी क्षेत्र में नियंत्रण कार्य में जुटा हुआ है।

फसलों को पहुंचा रहे नुकसान
फाका अब तक धोद सहित कई इलाकों में देखा जा चुका है। भुवाला सहित कई गांवों में लाखो की संख्या में अंडों से निकले हापर्स ने फसलों को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया है। यहां विभाग की टीम ने किसानों के साथ मिलकर ट्रेक्टर चलित यंत्र के जरिए दवा का स्प्रे करवाया लेकिन हापर्स कम नहीं हुए। कृषि अधिकारी रामरतन स्वामी ने बताया कि क्षेत्र में सौ हेक्टेयर भूमि हापर्स से प्रभावित है इस दौरान किसानों को बीस लीटर दवा छिड़काव के लिए दी गई है और विभाग की टीम क्षेत्र भी हापर्स को नष्ट करने की कार्रवाई कर रही है।


माकपा ने उठाई मांग

हापर्स के कारण प्रभावित किसानों के नुकसान को फसल बीमा में शामिल करने के लिए धोद क्षेत्र के किसानो ने मांग की है। प्रभावित किसान व माकपा सचिव रामरतन बगडिय़ा ने बताया कि क्षेत्र में टिड्डी दल व हापर्स ने फसलों को भारी नुकसान पहुचाया है। सरकार टिड्डी दल से फसलों के नुकसान को भी किसान के फसल बीमा में शामिल करें जिससे किसानों को बीमा का लाभ मिल सके। करोड़ों की संख्या में जमीन के अंदर अंडों से निकल रहे फाका पर काबू पाना कृषि विभाग के लिए आसान नहीं है। यह फाका अब फसलों से रस चूसने लगा है।

इनका कहना है
किसान घबराए नहीं। अभी फाका जमीन से निकल रहा है, जिसकी खोज की जा रही है। जहां-जहां फाका दिखाई दिया है, वहां छिड़काव किया जा रहा है। दवा के संपर्क में आने वाला 70 से 80 फीसद तक फाका नष्ट हो रहा है। जमीन से निकलने वाला फाका खेत में एक ही दिशा में एकत्र होता रहता है। एेसे में किसान यांत्रिक विधि से उस दिशा में डेढ फिट गहरी खाई खोद कर आसानी से नियंत्रण कर सकता है।

– एसआर कटारिया, उपनिदेशक कृषि

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