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कोतवाल व कांस्टेबल की हत्या का मामला: एनकाउंटर की उड़ती रही अफवाह, इंटरनेट बंद

fatehpur sho constable murder

सीकरOct 10, 2018 / 07:26 pm

Kamlesh Sharma

fatehpur sho constable murder case
सीकर। बेसवा रोड पर कोतवाल मुकेश कानूनगो और कांस्टेबल रामप्रकाश की हत्या को पांच दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस अभी तक अपराधियों को पकड़ नहीं पाई है। जबकि तीनों बदमाशों को खोजने के लिए तीन जिलों के करीब तीन सौ से अधिक पुलिसकर्मियों ने दिन-रात एक कर रखी है। एसओजी और एटीएस अपना अलग तरीका अपना रही है। एेसे में अब पुलिस के आला अधिकारियों ने इंटरनेट सर्विस पर भी रोक लगा दी है। ताकि अपराधियों को घेरने में आसानी रहे और उनके सूचना तंत्र को पूरी तरह से खत्म कर उनको निपटाया जा सके।
जानकारी के अनुसार दोनों की हत्या के जिम्मेदार चार नामजद आरोपियों में से पुलिस ने एक बदमाश दिनेश उर्फ लारा को तो दूसरे ही दिन दबोच लिया था, लेकिन बाकी बचे तीन नामजद व अन्य आरोपी अभी भी पुलिस की पकड़ में नहीं आ रहे हैं।

गौरतलब है कि शनिवार की आधी रात बाद बेसवा रोड पर बदमाशों को पकडऩे गई पुलिस पर फायरिंग कर दी गई थी। घटना में कोतवाल व कांस्टेबल की गोली लगने से मौत हो गई थी और हमलावर वारदात के बाद फरार हो गए थे। पुलिस रिपोर्ट में अजय चौधरी, जगदीप उर्फ धनकड़, ओमप्रकाश उर्फ ओपी व दिनेश उर्फ लारा को गोली चलाने में नामजद किया गया था।
एनकाउंटर की उड़ती रही अफवाह
मंगलवार रात पुलिस द्वारा इंटरनेट सेवा अचानक बंद करने के बाद अफवाह उड़ती रही कि फायरिंग के आरोपियों को एनकाउंटर में ढेर कर दिया गया है। सोशल मीडिया पर जानकारी नहीं फैले। इसलिए पुलिस ने नेट सेवा को बंद करवा दिया है।
इधर, वाट्सएप के कई ग्रुपों में भी अजय चौधरी के एनकाउंटर की सूचना पूरे दिन वायरल होती रही। कुछ ग्रुपों में नवलगढ़, बेरी व फतेहपुर कस्बे में स्थित गांव में फायरिंग होने की सूचना फैलती रही। हालांकि इस प्रकार की किसी भी घटना की पुष्टि नहीं की गई है और पुलिस के अधिकारी भी हर अफवाह को नकार रहे हैं।
थानों में घटी नफरी
फतेहपुर कोतवाली व सदर के अलावा उसके आस-पास के थानों में भी पुलिस की नफरी कम रह गई है। इनमें ज्यादातर को आरोपियों के सुराग जुटाने की जिम्मेदारी सौंप रखी है। लिपिक और संतरी के अलावा दो-तीन पुलिस जवान थानों में मौजूद हैं। बाकी इन जगहों पर स्थानीय से ज्यादा बाहर के पुलिसकर्मियों ने मोर्चा संभाल रखा है। आईजी से लेकर जिले के उच्च अधिकारी फतेहपुर में डटे हुए हैं।

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