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भाभी का पति बन देवर ने यूं उठा लिया सरकार की इस योजना का फायदा, प्रदेश का पहला ऐसा मामला

locationसीकरPublished: Apr 11, 2019 02:30:28 pm

Submitted by:

Vinod Chauhan

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में धोखाधड़ी का पहला मामला सामने आया है।

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में धोखाधड़ी का पहला मामला सामने आया है।

भाभी का पति बन देवर ने यूं उठा लिया सरकार की इस योजना का फायदा, प्रदेश का पहला ऐसा मामला

सीकर.

चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की सबसे बड़ी भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना (Bhamashah Swasthya Bima) में धोखाधड़ी (Fraud) का पहला मामला सामने आया है। जिसमें फर्जीवाड़ा कर महिला के देवर ने अपना ऑपरेशन उसके पति के नाम से करवा लिया और बदले में सरकार को 19 हजार रुपए की चपत लगा दी। इधर, मुकदमा दर्ज होने पर आरोपी देवर को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है और न्यायालय ने भी उसकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। कोर्ट इस्तगासे के जरिए कोतवाली में दर्ज प्रकरण के अनुसार हरसावा बड़ा निवासी राजेंद्र ने अपने इलाज खातिर भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना में फर्जीवाड़ा कर अपना निशुल्क ऑपरेशन करा लिया। ताकि उसकी जेब से पैसा नहीं लगे और भुगतान सरकारी खाते में जमा हो जाए। इसके लिए उसने योजना बनाई और हाथ का ऑपरेशन कराने के लिए शहर में स्थित उस अस्पताल का चयन किया। जो, सरकार की भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना से जुड़ा हुआ था। इसके बाद उसने अपनी भाभी के नाम से जारी भामाशाह कार्ड का दुरुपयोग करते हुए अपना ऑपरेशन उसके पति के नाम से करवा लिया। योजना के तहत इलाज का सारा खर्च सरकार के खाते में आ गया और उपचार के बदले संबंधित अस्पताल को 19 हजार रुपए का भुगतान भी हो गया। इधर, जब शिकायतकर्ता महिपाल ने फर्जीवाड़े का मुकदमा दर्ज कराया तो पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल की और धोखाधड़ी करने वाले आरोपी राजेंद्र को गिरफ्तार कर जेल भिजवा दिया है। गिरफ्तारी के बाद आरोपी ने जमानत याचिका लगाई। जिसको न्यायालय ने खारिच कर दिया है। इसके पीछे तर्क दिया गया कि राजेंद्र का ऑपरेशन राज्य सरकार की ओर से गरीब व असहाय व्यक्तियों को दी जाने वाली सहायता के तहत भामाशाह योजना के अंतर्गत किया हुआ है। ऐसे में 19 हजार की राशि महत्वपूर्ण नहीं है। बल्कि महत्वपूर्ण यह है कि किस प्रकार राजकीय राशि का दुरूपयोग अभियुक्त द्वारा किया गया है। भाई के नाम का सहारा केस डायरी के अवलोकन से स्पष्ट हुआ है कि संबंधित महिला के पति ने ऑपरेशन नहीं कराया है। ऑपरेशन राजेंद्र ने करवाया था तथा अपनी सभी जांच रिपोर्ट में भी राजेंद्र ने अपना नाम महिला के पति यानि अपने भाई का लिखवा रखा है। जिसका सहारा लेकर उसने धोखाधड़ी के जरिए अपना उपचार करवाया है।


योजना पर सवाल
दूसरे के नाम से निशुल्क इलाज करवा लेने के बाद भामाशाह स्वास्थ्य बीमा योजना पर सवाल खड़े हो गए हैं। जबकि योजना के तहत पीडि़त व्यक्ति एक साल में अपना 30 हजार से लेकर तीन लाख तक का इलाज निशुल्क करा सकता है। जिसका खर्चा बीमा कंपनियों को सरकार देती है और बीमा कंपनी उपचार करने वाले अस्पताल को इसका भुगतान करती है।

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